दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को आम आदमी पार्टी (आप) के नेता सोमनाथ भारती द्वारा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता बांसुरी सौराज के लोकसभा के लिए हाल ही में हुए निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी। [सोमनाथ भारती बनाम बांसुरी स्वराज एवं अन्य]
जब याचिका पर सुनवाई हुई तो जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा ने कहा,
"आपकी याचिका में टाइपोग्राफिकल गलतियां हैं; मैं नोटिस जारी नहीं कर सकता क्योंकि मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा है।"
जस्टिस अरोड़ा ने कहा कि याचिका के सारांश में प्रतिवादियों का संदर्भ पार्टियों के ज्ञापन से मेल नहीं खाता। जज ने खास तौर पर कहा कि याचिका में प्रतिवादी नंबर 4 का संदर्भ है, जो पार्टियों के ज्ञापन में मौजूद नहीं है।
कोर्ट ने कहा, "यह [याचिका] गलतियों से भरी हुई है। इसमें बहुत सारी गलतियाँ हैं। आपको पहले याचिका को सही करना होगा। मैं नोटिस जारी नहीं कर सकता क्योंकि मैं समझ नहीं पा रहा हूँ... मैं स्थगित करूँगा और आप एक सही याचिका दायर करें।"
मामले की अगली सुनवाई 13 अगस्त को होगी।
स्वराज ने भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था और भारती को हराया था, जो भारत गठबंधन की उम्मीदवार थीं। भाजपा ने राष्ट्रीय राजधानी की सभी सातों लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की थी।
भारती ने अपनी चुनाव याचिका में कहा कि स्वराज और उनके चुनाव एजेंट ने 25 मई, 2024 को दिल्ली में हुए मतदान के दौरान "भ्रष्ट आचरण" किया। कई आरोपों के बीच भारती ने कहा कि स्वराज के मार्गदर्शन में भाजपा कार्यकर्ता निवासियों को पैसे और साड़ी और सूट-सलवार जैसी सामग्री वितरित कर रहे थे।
उन्होंने आगे कहा कि मतदान के दिन स्वराज के दोनों एजेंटों के पास उनके मतपत्र संख्या, फोटो, चुनाव चिन्ह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फोटो वाले पर्चे थे।
याचिका में आगे तर्क दिया गया कि बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के उम्मीदवार राज कुमार आनंद को बीजेपी ने स्वराज की मदद करने के लिए खड़ा किया था क्योंकि वह पहले दिल्ली में आप सरकार में मंत्री थे। यह भी आरोप लगाया गया कि आनंद ने केंद्रीय एजेंसियों के दबाव में पार्टी से इस्तीफा दे दिया और बीएसपी के टिकट पर चुनाव लड़ने के बाद वह बीजेपी में शामिल हो गए।
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