7UP Fizz and Appy Fizz with Delhi high court  
वादकरण

दिल्ली उच्च न्यायालय में "फ़िज़" जैसी लड़ाई, पारले एग्रो ने ट्रेडमार्क को लेकर पेप्सी पर मुकदमा किया

पार्ले एग्रो ने आरोप लगाया कि पेप्सिको ने अपने ट्रेडमार्क के समान ही “फ़िज़” को ट्रेडमार्क के रूप में अपनाया है, जो उल्लंघन और पासिंग ऑफ के समान है।

Bar & Bench

पार्ले एग्रो लिमिटेड ने दिल्ली उच्च न्यायालय में पेप्सिको के खिलाफ ट्रेडमार्क उल्लंघन का मुकदमा दायर किया है, जिसमें पेय पदार्थ बनाने वाली इस दिग्गज कंपनी को अपने 7अप पेय के संबंध में "फ़िज़" शब्द का इस्तेमाल करने से रोकने की मांग की गई है। [पार्ले एग्रो बनाम पेप्सिको]

यह मामला न्यायमूर्ति तेजस करिया के समक्ष आया और इसकी अगली सुनवाई सोमवार, 18 अगस्त को होगी।

Justice Tejas Karia

पार्ले एग्रो ने आरोप लगाया कि पेप्सिको ने "फ़िज़" को अपने ट्रेडमार्क के समान ही अपनाया है, जो उल्लंघन और पासिंग ऑफ़ के समान है।

पार्ले के अनुसार, उसने 2005 में एक स्पार्कलिंग सेब के रस पर आधारित पेय के लिए एप्पी फ़िज़ ब्रांड पेश किया था, जिसमें "फ़िज़" इस ट्रेडमार्क का एक प्रमुख और अनिवार्य हिस्सा था। कंपनी ने दावा किया है कि उसके पास "फ़िज़" मार्क और उससे जुड़े ट्रेड ड्रेस पर वैधानिक पंजीकरण और सामान्य कानूनी अधिकार दोनों हैं।

पार्ले को जुलाई 2025 के अंत में पता चला कि पेप्सिको ने अपनी पैकेजिंग पर ट्रेडमार्क के रूप में "फ़िज़" का प्रमुखता से उपयोग करना शुरू कर दिया है। कंपनी का आरोप है कि पेप्सिको ने "फ़िज़" शब्द को अपनी शैली और प्रस्तुति के समान ही दोहराया है।

यह भी दावा किया गया है कि जहाँ पेप्सिको ने पहले "एक्स्ट्रा फ़िज़" को 7अप मार्क के साथ एक वर्णनात्मक तरीके से इस्तेमाल किया था, वहीं अब उसने 7अप ब्रांडिंग का आकार छोटा कर दिया है और अपनी पैकेजिंग पर "फ़िज़" को प्रमुख स्थान दिया है। पारले का तर्क है कि यह बदलाव उसकी अपनी "फ़िज़" ब्रांडिंग के और करीब पहुँचने और उसकी साख व प्रतिष्ठा का लाभ उठाने की रणनीति का हिस्सा है।

आज की संक्षिप्त सुनवाई के दौरान, वरिष्ठ अधिवक्ता चंदर एम. लाल ने तर्क दिया कि पेप्सी द्वारा 'फ़िज़' शब्द का प्रयोग उसके उत्पादों के बाज़ार को प्रभावित करता है क्योंकि यह उपभोक्ताओं के मन में भ्रम पैदा करता है। उन्होंने शीतल पेय बाज़ार के हित में पेप्सी के ख़िलाफ़ तत्काल आदेश देने की माँग की।

पेप्सिको की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता दयान कृष्णन पेश हुए और उन्होंने तर्क दिया कि उन्हें मुकदमे के दस्तावेज़ नहीं दिए गए हैं। उन्होंने आगे तर्क दिया कि "फ़िज़" शब्द किसी भी वातित पेय को संदर्भित करता है और पारले इस शब्द पर एकाधिकार का दावा नहीं कर सकता।

Senior Advocate Dayan Krishnan

लाल को खेतान एंड कंपनी की एक टीम ने जानकारी दी, जिसमें अधिवक्ता अंकुर संगल, अंकित अरविंद, शाश्वत रक्षित और निधि शामिल थे।

कृष्णन को जेएसए की एक टीम ने जानकारी दी, जिसमें अधिवक्ता नीरज नायर और अंगद बख्शी शामिल थे।

पेप्सी ने पहले पारले पर मुकदमा दायर कर अदालत से अनुरोध किया था कि वह उसे अपनी बी फ़िज़ की बोतलों और कैन पर लेबल के रूप में 'फॉर द बोल्ड' टैगलाइन का उपयोग करने से रोके। हालाँकि, अदालत ने ऐसा कोई आदेश देने से इनकार कर दिया।

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"Fizz"-y battle before Delhi High Court as Parle Agro sues Pepsi over trademark