सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में दोहराया कि उच्च न्यायालय भी संवैधानिक न्यायालय हैं और उन्हें सुप्रीम कोर्ट के अधीन नहीं माना जा सकता है। [शंकर कुमार झा बनाम बिहार राज्य और अन्य]।
न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की खंडपीठ ने एक याचिका पर विचार करते हुए यह टिप्पणी की, जिसमें पटना उच्च न्यायालय को समयबद्ध तरीके से लंबित रिट याचिका पर फैसला करने का निर्देश देने का आग्रह किया गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि अंततः संबंधित उच्च न्यायालय को लंबित मामलों पर विचार करने के लिए अपनी प्राथमिकताओं को तय करना होगा।
पीठ ने आगे कहा कि याचिकाकर्ता को राहत के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाना होगा।
अदालत ने कहा, "याचिकाकर्ता का उपाय यह है कि वह अपने मामले की सुनवाई को प्राथमिकता देने के लिए उच्च न्यायालय में आवेदन करे।"
इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी।
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High Courts are Constitutional Courts, not subordinate to us: Supreme Court