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वादकरण

क्या होटल और क्लब 24 घंटे शराब बेच सकते हैं? मद्रास हाईकोर्ट का तमिलनाडु सरकार से सवाल

पीठ ने इस मामले में आदेश पारित करते हुये कहा कि अगर वास्तव में किसी को न्यायालय से मदद की जरूरत हो तो वह उसे उसके पास आने का हक है

Bar & Bench

कुम्बकोणम में मदिरा बार खोले जाने के खिलाफ सरकार के परिवहन ड्राइवर की याचिका पर मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ ने राज्य में एफएल2 और एफएल3 शराब के लाइसेंस देने के बारे में तमिलनाडु सरकार से कई सवाल पूछे हैं।

मदुरे पीठ द्वारा पूछे गये सवालों में यह सवाल भी शामिल है कि क्या शासन ऐसे लाइसेंस धारकों को 24 घंटे शराब की बिक्री करने की इजाजत देता है?

न्यायमूर्ति एन कृरुबकरण और न्यायमूर्ति बी पुगलंधी की पीठ के समक्ष याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि गुड लक रिक्रिएशन क्लब नजदीक में स्थित स्कूल और गिरिजाघर से प्रतिबंधित दायरे के भीतर एक व्यस्त इलाके में मदिरा बार शुरू करने के लिये लाइसेंस चाहता है।

इसलिए याचिकाकर्ता इस क्लब को एफएल 2 लाइसेंस देने से जिला प्राधिकारियों को रोकने का न्यायालय से अनुरोध किया है।

तमिलनाडु शराब (लाइेंसस और परमिट) नियम, 1981 के तहत गैर-स्वामित्व वाले क्लब को अपने सदस्यों को शराब परोसने के लिये शराब रखने के लिये एफएल 2 लाइसेंस दिये जाते हैं।

इसी तरह, एफएल 3 लाइसेंस सितारा होटलों में विदेशी पर्यटकों, भारत में रहने वाले व्यक्तिगत परमिट धारक विदेशियों और शराब के सेवन के लिये निजी परमिट धारक भारतीयों को शराब उपलब्ध कराने के लिए शराब रखने के लिये दिया जाता है।

इस मामले में न्यायालय प्रस्तावित दुकान के लिये शराब का परमिट जारी नहीं करने प्राधिकारियों को अंतरिम आदेश दिया है क्योंकि यह स्कूल से 50 मीटर के दायरे में है।

न्यायालय ने इस तथ्य का संज्ञान लिया कि एफएल2 और एफएल3 लाइसेंस का इस्तेमाल राज्य सरकार के स्वामित्व वाली दुकानों ‘टीएएसएमएसी’ पर शराब की के लिये हो रहा था। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता था कि इसका सेवन करने वाले क्लब के सदस्य हैं या होटल में रहने वाले हैं। न्यायालय को बताया गया कि इस वजह से टीएएसएमएसी दुकानों की शराब की बिक्री भी प्रभावित हो रही थी।

इस पृष्ठभूमि में न्यायालय ने तमिलनाडु में शराब की बिक्री के बारे में राज्य सरकार से निम्नलिखित सवाल पूछे हैं:

  • तमिलनाडु में कितने एफएल2 और एफएल3 लाइसेंस जारी किये गये हैं?

  • पिछले पांच साल में इन लाइसेंस धारकों को कितनी मात्रा में शराब की आपूर्ति की गयी?

  • लाइसेंस का परिमिट दिये जाने के बाद तमिलनाडु शराब (लाइसेंस और परमिट) नियमों के नियम 17 का अनुपालन कैसा है?

  • क्या नियम 17 के उल्लंघन के आरोप में लाइसेंस धारकों के खिलाफ शिकायत दायर हुयीं और क्या उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की गयी?

  • तमिलनाडु शराब (लाइसेंस और परमिट) नियमों के अनुपालन के बगैर ही राज्य में इस समय एफएल2/एफएल3 लाइसेंस के साथ कितनी दुकानें चल रहीं हैं?

  • क्या एफएल2/एफएल3 लाइसेंस धारक दुकान समय की पाबंदी के बगैर ही 24 घंटे शराब परोस सकती हैं? अगर इसके लिये कोई समय सीमा है तो इस पर अमल कैसे सुनिश्चित किया जा रहा है और 24 घंटे शराब परोसने वाली दुकानों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गयी है?

न्यायालय ने मामले में राज्य के गृह, निषेध और आबकारी विभाग तथा तमिलनाडु राज्य विपणन कार्पोरेशन लि (टीएएसएमएसी) को स्वत: ही प्रतिवादी बनाया है। न्यायालय ने इस मामले में मदद के लिये अधिवक्ता ए कन्नन को न्याय मित्र नियुक्त किया है।

इस याचिका पर अब 7 दिसंबर को आगे सुनवाई होगी।

उच्च न्यायालय ने कहा: कोई भी व्यक्ति सही मायने में किसी निजी या सार्वजनिक मुद्दे पर न्यायालय आ सकता है।

पीठ ने यह आदेश पारित करते समय इस बात पर जोर दिया कि अगर किसी व्यक्ति को वास्तव में किसी मदद की आवश्यकता हो तो उसे अदालत आने का हक है।

‘‘सही मकसद के लिये कोई भी व्यक्ति अदालत का दरवाजा खटखटा सकता है, चाहें वह निजी हो या सार्वजनिक।’’
मद्रास हाईकोर्ट

याचिकाकर्ता राज्य के परिवहन विभाग में एक ड्राइवर है और उसे यह दलील दी गयी थी कि वह अपने विभाग की अनुमति के बगैर न्यायालय नहीं जा सकता है।

अतिरिक्त सरकारी वकील की इस दलील अस्वीकार करते हुये पीठ ने कहा कि सही मकसद से न्यायालय आने के लिये उसके रास्ते में कोई भी बाधा नहीं आयेगी।

न्यायालय ने कहा, ‘‘सही मकसद के लिये कोई भी व्यक्ति अदालत का दरवाजा खटखटा सकता है, चाहें वह निजी हो या सार्वजनिक।‘‘

न्यायालय ने याचिका दायर करने के कारण इस याचिकाकर्ता के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने का भी प्राधिकारियों को निर्देश दिया है।

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Can hotels, clubs sell liquor round the clock? Madras High Court asks Tamil Nadu government