दिल्ली उच्च न्यायालय कल एलएंडएएल पार्टनर्स में वरिष्ठ साझेदार, मोहित सराफ द्वारा फर्म के संस्थापक साझेदार, राजीव लूथरा के खिलाफ दायर एक याचिका पर सुनवाई करेगा। (मोहित सराफ बनाम राजीव लूथरा)।
यह मामला न्यायमूर्ति वी कामेश्वर राव की एकल न्यायाधीश पीठ के समक्ष सूचीबद्ध है।
एल एंड एल पार्टनर्स में दो वरिष्ठतम भागीदार अब कुछ हफ्तों से फर्म की इक्विटी के कमजोर पड़ने पर झगड़ा हुआ है।
दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष सराफ की याचिका में मुख्य विवाद यह है उन्हे मज़बूत रणनीति का उपयोग करके फर्म से बाहर नहीं फेंका जा सकता है।
आखिरकार, सराफ ने कॉरपोरेट भागीदारों को लिखा कि उन्होंने लूथरा के पहले रिटायरमेंट और फर्म से वापस लेने के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि लूथरा द्वारा "साझेदारी विलेख भौतिक उल्लंघन युक्त" थी।।
जवाब में, लूथरा ने न केवल कानूनी फर्म से सेवानिवृत्त होने से इनकार किया, बल्कि इक्विटी कमजोर पड़ने पर बाद की "अनाड़ी रणनीति" के कारण सराफ की साझेदारी को भी समाप्त कर दिया।
लूथरा ने सराफ के ईमेल की सामग्री की कानूनी शुद्धता की कमी की ओर इशारा किया जिसके अनुसार फर्म के संस्थापक को फर्म से काल्पनिक सेवानिवृत्ति पर रखा गया था।
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[Breaking] Mohit Saraf v. Rajiv Luthra reaches Delhi High Court; matter to be heard tomorrow