वादकरण

[ब्रेकिंग] कलकत्ता HC नारदा मामले मे पश्चिम बंगाल सरकार,मुख्यमंत्री, कानून मंत्री के शपथ पत्रो को रिकॉर्ड पर लेने के लिए सहमत

हलफनामे को रिकॉर्ड में लिया जाएगा, बशर्ते कि प्रत्येक पक्ष से 5,000 रुपये की लागत आएगी।

Bar & Bench

कलकत्ता उच्च न्यायालय बुधवार को नारदा मामले को स्थानांतरित करने की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दायर मामले में पश्चिम बंगाल सरकार, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्य के कानून मंत्री मोलॉय घटक द्वारा रिकॉर्ड जवाब हलफनामों को लेने के लिए सहमत हो गया।

यह आदेश कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति आईपी मुखर्जी, हरीश टंडन, सौमेन सेन और अरिजीत बनर्जी की पांच सदस्यीय पीठ ने पारित किया।

हाईकोर्ट ने इससे पहले 9 जून को जवाबी हलफनामों को रिकॉर्ड में लेने से इनकार करते हुए एक आदेश पारित किया था।

राज्य, सीएम और कानून मंत्री ने उक्त आदेश के खिलाफ तब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

सुप्रीम कोर्ट ने 25 जून को उच्च न्यायालय के उस आदेश को रद्द कर दिया और मामले को नए सिरे से विचार के लिए उच्च न्यायालय में भेज दिया।

शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ताओं को जवाबी हलफनामे को रिकॉर्ड में लाने के समर्थन में आवेदन दायर करने की भी अनुमति दी थी और उच्च न्यायालय से इस मुद्दे पर नए सिरे से फैसला करने को कहा था।

इसके बाद याचिकाकर्ताओं ने अपने हलफनामे को रिकॉर्ड में लाने के लिए उच्च न्यायालय के समक्ष आवेदन दायर किया था। हाईकोर्ट ने अपना आदेश सुरक्षित रखने से पहले मंगलवार को उन आवेदनों पर दलीलें सुनी थीं।

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[BREAKING] Calcutta High Court agrees to take on record affidavits of West Bengal govt, CM, Law Minister in Narada case