पटना उच्च न्यायालय ने एक छात्र जावेद अख्तर को जमानत दे दी है, जिसे सोशल मीडिया पर हिंदू देवताओं के बारे में आपत्तिजनक पोस्ट करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था (जावेद अख्तर बनाम बिहार राज्य)।
न्यायमूर्ति अनिल कुमार सिन्हा की एकल-न्यायाधीश पीठ ने अख्तर को यह देखते हुए जमानत दे दी कि वह 9 अगस्त, 2020 से हिरासत में है और उसका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है।
कोर्ट ने कहा, "पार्टियों द्वारा किए गए निवेदनों को ध्यान में रखते हुए और रिकॉर्ड पर सामग्री को ध्यान में रखते हुए और तथ्य यह है कि याचिकाकर्ता एक छात्र है और मामले में आरोप पत्र पहले ही प्रस्तुत किया जा चुका है और साथ ही वह 9 अगस्त, 2020 से हिरासत में है और साथ ही इसका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है, अतः मैं याचिकाकर्ता को नियमित जमानत देने का इच्छुक हूं।"
याचिकाकर्ता पर भारतीय दंड सहिंता की धारा 153 (ए) (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), धारा 294 (अश्लील कृत्य) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 67 (इलेक्ट्रॉनिक रूप में अश्लील सामग्री को प्रकाशित या प्रसारित करना) और 67 (ए) (यौन रूप से स्पष्ट कृत्यों वाली सामग्री को प्रकाशित या प्रसारित करने के लिए दंड) के तहत आरोप लगाया गया था
याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता की ओर से हिंदू समुदाय की धार्मिक भावनाओं को आहत करने का कोई इरादा नहीं था और प्रथम सूचना रिपोर्ट से स्पष्ट रूप से पता चला कि उसने एक रेहान खान की पोस्ट को साझा किया था और वह पोस्ट उसके फेसबुक अकाउंट से उत्पन्न नहीं हुई थी।
याचिकाकर्ता की कम उम्र और इस तथ्य पर भी प्रकाश डाला गया कि वह एक छात्र है।
अदालत ने प्रस्तुतियाँ और अभिलेखों को ध्यान में रखते हुए याचिकाकर्ता को जमानत दे दी।
आदेश में कहा गया है कि उपरोक्त नामित याचिकाकर्ता को 10,000/- रुपये (दस हजार) के जमानत बांड और इतनी ही राशि की दो जमानत पर नियमित जमानत पर रिहा किया जाए।
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Patna High Court grants bail to student who shared objectionable Facebook post on Hindu God, Goddess