सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को पटना हाईकोर्ट में हिस्ट्रीशीटर हत्याकांड के एक आरोपी को बिना कारण बताए जमानत देने के लिए कड़ी फटकार लगाई [सुनील कुमार बनाम बिहार राज्य और अन्य]।
न्यायमूर्ति एमआर शाह और न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना की पीठ ने कहा कि उच्च न्यायालय ने आरोपी के आपराधिक इतिहास को खारिज कर दिया और जमानत देने का कोई कारण नहीं बताया।
"ऐसा प्रतीत होता है कि उच्च न्यायालय ने यांत्रिक रूप और बेहद असावधानी तरीके से आदेश पारित किया है.. कथित अपराधों की गंभीरता, प्रकृति पर बिल्कुल भी विचार नहीं किया है।"
शीर्ष अदालत ने इस प्रकार अपील की अनुमति दी, आरोपी को दी गई जमानत को रद्द कर दिया और उसे संबंधित अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया।
इस मामले में आरोपी पर हत्या और गैरकानूनी तरीके से जमा होने समेत कई मामले दर्ज थे। मामले के सभी आरोपियों पर अपीलकर्ता के भाई की हत्या के लिए उच्चतम न्यायालय के समक्ष मामला दर्ज किया गया था, जब उसने अपने बांस के झुरमुटों से उनके काटने पर आपत्ति जताई थी। अब मृतक को मारने का आह्वान कथित रूप से आरोपी द्वारा किया गया था जिसे उच्च न्यायालय ने जमानत दे दी थी।
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