Bombay High Court  
वादकरण

ब्रेकिंग: बंबई उच्च न्यायालय ने, उच्च न्यायालय मे याचिका दायर करने के लिए A4 साइज पेपर के उपयोग की अनुमति देने का निर्णय लिया

बॉम्बे हाईकोर्ट (अपीलीय पक्ष) नियम, 1960 और बॉम्बे हाईकोर्ट (मूल पक्ष) नियम, 1980 में संशोधन करते हुए इस आशय की एक अधिसूचना जारी की गई थी ताकि दोनों तरफ मुद्रित ए4 पेपर के उपयोग को लागू किया जा सके।

Bar & Bench

बंबई उच्च न्यायालय ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर करने के लिए दोनों तरफ मुद्रित ए4 आकार के कागज के उपयोग की अनुमति देने का निर्णय लिया है। (अजिंक्य मोहन उडाने बनाम रजिस्ट्रार जनरल, बॉम्बे हाईकोर्ट)।

हाईकोर्ट प्रशासन की ओर से पेश अधिवक्ता एसआर नारगोलकर ने मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति जीएस कुलकर्णी की खंडपीठ को सूचित किया कि बॉम्बे हाईकोर्ट (अपीलीय पक्ष) नियम, 1960 और बॉम्बे हाईकोर्ट (मूल पक्ष) नियम, 1980 में संशोधन करते हुए इस आशय की एक अधिसूचना जारी की गई थी ताकि दोनों तरफ मुद्रित ए4 पेपर के उपयोग को लागू किया जा सके।

उन्होंने प्रस्तुत किया कि अधिसूचना भी 6 जुलाई, 2021 को राजपत्र में जारी की गई थी। इस अधिसूचना के मद्देनजर, याचिका का निवारण किया गया।

याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील पीआर कटनेश्वरकर, मुंबई के वकील अजिंक्य उडाने ने पूछा कि क्या अधिसूचना महाराष्ट्र में अधीनस्थ अदालतों पर लागू होगी।

नरगोलकर ने बताया कि अधिसूचना अभी केवल उच्च न्यायालय के लिए ही लागू है।

पीठ ने कटनेश्वरकर को उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल को एक अभ्यावेदन देने का निर्देश दिया ताकि निचली अदालतों में ए4 आकार के कागजात के उपयोग की अनुमति के लिए महाराष्ट्र में अधीनस्थ अदालतों को उचित निर्देश जारी किया जा सके।

चूंकि उन्हें अभ्यावेदन का कोई जवाब नहीं मिला, इसलिए उडाने ने वर्तमान याचिका के साथ उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।

उडाने ने वर्तमान याचिका में प्रस्तुत किया कि ए 4 आकार के कागज के उपयोग से बड़ी मात्रा में कागज और भंडारण स्थान को बचाने में मदद मिलेगी और इसलिए, बड़ी संख्या में पेड़ों को बचाया जाएगा जिससे पर्यावरण और वन्यजीवों की सुरक्षा में सहायता मिलेगी।

और अधिक पढ़ने के लिए नीचे दिये गए लिंक पर क्लिक करें


[BREAKING] Bombay High Court decides to allow use of A4 size paper for filing pleadings in High Court