इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने देश भर में डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए दिशा-निर्देशों की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है ताकि पुलिस द्वारा चिकित्सकीय लापरवाही की शिकायतों पर गंभीर आपराधिक आरोपों के लिए मनमाने और अवैध रूप से मामला दर्ज किया जा सके।
यह याचिका जयपुर की डॉ अर्चना शर्मा की मृत्यु के आलोक में दायर की गई थी, जिनकी 29 मार्च, 2022 को राजस्थान पुलिस द्वारा एक मरीज की मौत के बाद उनके खिलाफ हत्या के आरोप लगाए जाने के बाद आत्महत्या कर ली गई थी।
अधिवक्ता शशांक देव सुधी के माध्यम से दायर याचिका में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा उन परिस्थितियों की जांच करने की भी मांग की गई, जिनके कारण स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ शर्मा की मृत्यु हुई।
याचिका में कहा गया है कि इलाज और मरीजों के ठीक होने में देरी को लेकर जरा सा भी संदेह होने पर डॉक्टर नियमित रूप से शारीरिक हमले का शिकार हो रहे हैं।
इसलिए, याचिका में ऐसे डॉक्टरों के परिवारों को वित्तीय सहायता देकर उनके जीवन के नुकसान की भरपाई के लिए एक योजना के लिए प्रार्थना की गई।
इसके अलावा, याचिका में कहा गया है कि पुलिस के पास मेडिको-लीगल मामलों से निपटने के लिए प्रशिक्षण और समझ की कमी है।
याचिका में कहा गया है, "योग्य डॉक्टरों को चिकित्सकीय लापरवाही के तहत राज्य पुलिस द्वारा अवैध और मनमाने इलाज का शिकार बनाया जा रहा है।"
इसलिए, याचिका में कहा गया है कि ऐसे मामलों के लिए पुलिस अधिकारियों के प्रशिक्षण की तत्काल आवश्यकता है, इसके अलावा विशिष्ट योग्यताएं पुलिस अधिकारी को चिकित्सकीय लापरवाही के मामलों को समझने में सक्षम बनाती हैं।
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