अरुण गोयल की चुनाव आयुक्त के रूप में नियुक्ति को चुनौती देते हुए एनजीओ एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स द्वारा सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की गई है। [एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स बनाम यूनियन ऑफ इंडिया]।
नियुक्ति को इस आधार पर चुनौती दी गई है कि यह मनमाना है और भारत के चुनाव आयोग की संस्थागत अखंडता और स्वतंत्रता का उल्लंघन है।
1985 के पंजाब कैडर के सेवानिवृत्त IAS अधिकारी अरुण गोयल को 19 नवंबर, 2022 को भारत के चुनाव आयुक्त के रूप में नियुक्त किया गया था।
अधिवक्ता प्रशांत भूषण के माध्यम से दायर याचिका अरूप बरनवाल बनाम भारत संघ मामले में संविधान पीठ के फैसले पर निर्भर थी, जिसमें कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के इस तर्क को खारिज कर दिया था कि तैयार किए गए पैनल में गोयल चार व्यक्तियों में सबसे छोटे थे।
कोर्ट ने उस फैसले में कहा था कि पैनल इसलिए बनाया गया था ताकि उम्र के आधार पर बाकी उम्मीदवारों को बाहर किया जा सके।
और अधिक पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें
Plea before Supreme Court challenges appointment of Arun Goel as Election Commissioner