West Bengal Post Poll Violence, Supreme Court
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वादकरण

केंद्र सरकार को पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू करने के निर्देश देने के संबंध मे सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर

Bar & Bench

सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर राज्य में चुनाव के बाद हुई हिंसा के मद्देनजर पश्चिम बंगाल राज्य में संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत राष्ट्रपति शासन लगाने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश जारी करने की मांग की गई है।

अधिवक्ता घनश्याम उपाध्याय की याचिका में भाजपा के सोलह समर्थकों / सहानुभूति रखने वालों की हत्या की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन की भी मांग की गई।

याचिकाकर्ता ने कोर्ट से अनुरोध किया कि वह राज्यपाल को पश्चिम बंगाल में कानून-व्यवस्था की स्थिति के बारे में सुप्रीम कोर्ट को एक रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दे और यह घोषणा करे कि राज्य में कानून का शासन नहीं है और राज्य में संवैधानिक तंत्र पूरी तरह से विफल है।

याचिका मे कहा गया है कि, "समाचार पत्रों/समाचार चैनलों में रिपोर्टिंग के आधार पर अब तक सामने आए और सार्वजनिक डोमेन में मौजूद सबूतों से यह स्पष्ट है कि भाजपा के 16 कार्यकर्ताओं/समर्थकों/सहानुभूतियों के नरसंहार के अपराध के अपराधी कोई और नहीं बल्कि टीएमसी के गुंडे हैं और इस तरह की हत्याएं प्रतिवादी संख्या 3 (मुख्यमंत्री ममता बनर्जी) सहित सत्ता में बैठे लोगों के इशारे पर हुई हैं।"

याचिका में कहा गया है कि राज्य द्वारा सरकारी शक्तियों का त्याग है, जो राज्य के लोगों के जीवन की स्वतंत्रता और संपत्तियों की रक्षा के मामले में ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस द्वारा शासित है और विशेष रूप से, जिन्होंने 2021 के चुनावों में प्रतिद्वंद्वी पार्टी भाजपा को वोट दिया है।

याचिका में कहा गया है कि कुछ राजनीतिक दलों द्वारा सत्ता में आने के बाद पार्टी की तानाशाही थोपने और प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक दलों के लोगों को दबाने की बढ़ती प्रवृत्ति को जल्द से जल्द रोकने की जरूरत है ताकि देश को तालिबान बनने से बचाया जा सके।

इस माननीय न्यायालय से प्रार्थना की जाती है कि प्रतिवादी संख्या 4 (केंद्र सरकार) को भारत के संविधान के अनुच्छेद 355 के तहत निहित अपने कर्तव्य और कार्य करने का निर्देश दें और राष्ट्रपति को भारत के संविधान के अनुच्छेद 356(1) के तहत प्रतिवादी संख्या 1 के लिए एक उद्घोषणा जारी करने की सलाह दे।

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Plea in Supreme Court to direct Central government to impose President's rule in West Bengal