न्यायमूर्ति हरमिंदर सिंह मडान की अदालत में उनसे मिले अपमान के संबंध में अपने सदस्यों से प्राप्त विभिन्न शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए, पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने न्यायाधीश को उपस्थित होने से रोकने का संकल्प लिया है।,
संकल्प हाल की एक घटना से उपजा है जहाँ न्यायाधीश ने कथित रूप से एक वकील के साथ अपमान और दुर्व्यवहार किया है जो पिछले सत्रह वर्षों से न्यायालय के समक्ष वकालत कर रहा है।
यह देखते हुए कि बार और बेंच एक ही सिक्के के दो पहलू हैं, संकल्प मे कहा कि,
बार और बेंच के बीच पारस्परिक सम्मान सौहार्दपूर्ण संबंधों के रखरखाव के लिए मौलिक है। किसी भी तरह की अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल या अपमान करना और बेंच के माननीय सदस्यों का अभद्र रवैया अस्वीकार्य है और मैक्सिमम एबिटिया वर्बिस और एब्सिडिया पर आधारित तथ्यों की संवैधानिक योजना के खिलाफ है।
इसलिए बार सदस्यों की गरिमा को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध कार्यकारी समिति ने सर्वसम्मति से न्यायमूर्ति मदान के न्यायालय का बहिष्कार करने का फैसला किया है।
आगे यह संकल्प किया गया कि एसोसिएशन के निर्णय के खिलाफ जाने वाले किसी भी सदस्य के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जाएगी।