बॉम्बे हाईकोर्ट ने आज रिचा चड्ढा और पायल घोष की ओर से उपस्थित हुए वकीलों से कहा कि वे पायल, कमाल आर खान, समाचार चैनल एबीएन आंध्रजोतोथी और आदेशों के खिलाफ रिचा द्वारा दायर मानहानि के मुकदमे की सुनवाई के दौरान समझौता वार्ता को एक और मौका देने पर विचार करें।
पायल घोष द्वारा बॉलीवुड फिल्म निर्देशक अनुराग कश्यप द्वारा यौन उत्पीड़न के आरोपों में उनका नाम आने के बाद ऋचा चड्ढा ने मुकदमा दायर किया था। पायल के बयान बाद में कमाल आर खान और समाचार चैनल द्वारा प्रसारित किए गए थे।
न्यायमूर्ति एके मेनन ने कहा कि अगर पक्षकार अगली सुनवाई तक समझौता नहीं करते हैं तो मामले की सुनवाई मेरिट पर की जाएगी।
ऋचा चड्ढा की ओर से उपस्थित वकील समीना बेदी सच्चर ने बताया कि पायल घोष ने पिछली सुनवाई के बाद अपने ट्विटर हैंडल पर एक बयान दिया था जिसमें कहा गया था कि वह ऋचा से माफी नहीं मांगेंगी।
हालांकि, पिछली सुनवाई में पायल के वकील ने कोर्ट से कहा था कि वह चड्ढा से माफी मांगने और मामला सुलझाने के लिए तैयार है।
सच्चर ने कहा कि पायल और उसके अधिवक्ता उसके विरोधाभासी बयान दे रहे थे। इसलिए उसने कोर्ट से मेरिट के आधार पर फैसला करने का आग्रह किया।
न्यायालय ने वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ॰ वीरेन्द्र तुलजापुरकर को ऋचा की ओर से अपनी प्रस्तुतियाँ देने की अनुमति देने के मामले को वापस रखने पर सहमति व्यक्त की।
हालाँकि, पायल घोष की ओर से उपस्थित एडवोकेट नितिन सतपुते ने कोर्ट से कहा कि वह अपने क्लाइंट से निर्देश लेने के लिए और अधिक समय की मांग की, ताकि समझौता की शर्तों पर चर्चा की जा सके और सहमति की शर्तें प्रस्तुत की जा सकें।
जब अदालत ने सच्चर और सतपुते को निपटान की शर्तों पर काम करने के लिए अधिक समय देने पर सहमति व्यक्त की, तो कोर्ट ने कमाल आर खान की ओर से उपस्थित वकील मनोज गडकरी से पूछा क्या वह जवाबदावा के लिए तैयार हैं।
गडकरी ने अपना जवाब दाखिल करने के लिए और समय मांगा, जिसमें कहा गया कि खान अस्वस्थ हैं और देश में नहीं हैं।
कोर्ट ने उन्हें जवाब दाखिल करने के लिए और समय दिया और अगली सुनवाई तक निषेधाज्ञा बढ़ा दी गई है।
इस मामले को बुधवार 14 अक्टूबर को सूचीबद्ध किया जाएगा।
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