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वादकरण

स्कूपवूप बनाम समदीश भाटिया: दिल्ली कोर्ट ने भाटिया को यौन उत्पीड़न की शिकायत पर बात करने से रोकने के लिए किया इनकार

Bar & Bench

दिल्ली की एक अदालत ने हाल ही में स्कूपवूप के सीईओ सात्विक मिश्रा के पक्ष में अंतरिम निषेधाज्ञा देने से इनकार कर दिया, ताकि पूर्व कर्मचारी समदीश भाटिया को सार्वजनिक रूप से पूर्व कर्मचारी के खिलाफ लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों के बारे में सार्वजनिक रूप से बोलने से रोका जा सके। [WHOOPSCOOP MEDIA PVT LTD THROUGH ITS AUTHORIZED SIGNATORY Vs. SAMDISH BHATIA].

पटियाला हाउस कोर्ट की अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी प्रीति परेवा ने आदेश में कहा,

"पीड़ित के आघात या अनुभव की अभिव्यक्ति उसका मौलिक अधिकार है" जिस पर तभी पर्दा डाला जा सकता है जब यह चार व्यापक श्रेणियों के अंतर्गत आता है जो "अपमान, बदनामी, मानहानि", "अदालत की अवमानना", "शालीनता या नैतिकता के खिलाफ अपराध" और "सुरक्षा को कमजोर करती है या राज्य को उखाड़ फेंकने की प्रवृत्ति है"।

चूंकि वर्तमान मामला उपरोक्त किसी भी श्रेणी में नहीं आता है, इसलिए न्यायालय ने मिश्रा को अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया।

उपरोक्त को देखते हुए कोर्ट ने मिश्रा की अर्जी खारिज कर दी।

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Scoopwhoop v. Samdish Bhatia: Delhi Court refuses to gag Bhatia from talking about sexual harassment complaint