गोवा सरकार ने तहलका पत्रिका के पूर्व संपादक तरुण तेजपाल को बलात्कार मामले में बरी किए जाने को चुनौती देते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट की गोवा पीठ के समक्ष अपील दायर की है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश क्षमा जोशी ने 21 मई को तेजपाल को एक महिला सहकर्मी के यौन उत्पीड़न के आरोप से बरी कर दिया था।
मामला 2013 का है, जब तेजपाल पर गोवा के एक हाई-एंड होटल की लिफ्ट में एक जूनियर सहयोगी का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया गया था।
गोवा पुलिस ने बाद में बलात्कार सहित विभिन्न अपराधों के लिए तेजपाल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की।
उन्हें नवंबर 2013 में गिरफ्तार किया गया था और बाद में जुलाई 2014 में जमानत पर रिहा कर दिया गया था।
तेजपाल के खिलाफ मुकदमा 2017 में शुरू हुआ था। इस बीच, उन्होंने आरोपों को मनगढ़ंत बताते हुए अपने खिलाफ मामले को रद्द करने के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख किया था।
हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर दी थी जिसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी।
सुप्रीम कोर्ट ने भी हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया और 19 अगस्त 2019 को उनकी याचिका को खारिज कर दिया।
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