Supreme Court, Bombay HC 
वादकरण

[ब्रेकिंग] POCSO के तहत यौन उत्पीड़न के अपराध मे शारीरिक संपर्क आवश्यक वाले बॉम्बे HC के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी

हाईकोर्ट ने माना था कि 12 साल की उम्र की बच्ची के स्तन को बिना उसके टॉप को हटाए दबाने का काम धारा 7 के तहत यौन शोषण की परिभाषा में नहीं आएगा।

Bar & Bench

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को बॉम्बे हाईकोर्ट के विवादास्पद फैसले पर रोक लगा दी जिसमें 12 साल के बच्ची के बिना उसके टॉप को हटाये स्तन को दबाना धारा 7 के तहत यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (POCSO) से यौन शोषण की परिभाषा में नहीं आएगा।

अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने उक्त मामले का उल्लेख करते हुए कहा कि यह एक बहुत परेशान करने वाला निष्कर्ष है (बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा), सुप्रीम कोर्ट ने आदेश पर रोक लगा दी

शीर्ष अदालत ने आदेश दिया कि बॉम्बे HC ने फैसला दिया कि मामले में शारीरिक संपर्क नहीं था। एजी ने कहा कि आदेश अभूतपूर्व है और एक खतरनाक मिसाल पेश करने की संभावना है। हम एजी वेणुगोपाल को आदेश के खिलाफ याचिका दायर करने की अनुमति देते हैं। इस बीच हम POCSO एक्ट की धारा 8 के तहत अपराध के मामले में अब तक के आरोपियों को बरी करने पर रोक लगाते हैं। आरोपी को नोटिस जारी करें।

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[BREAKING] Supreme Court stays Bombay High Court order which ruled skin-to-skin contact necessary for offence of sexual assault under POCSO