Partho dasgupta
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वादकरण

[टीआरपी स्कैम] BARC के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता को मुंबई कोर्ट ने जमानत से इनकार किया

Bar & Bench

मुंबई के एस्प्लेनेड में मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (सीएमएम) ने ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी पार्थो दासगुप्ता की जमानत याचिका को खारिज कर दिया।

30 दिसंबर, 2020 को न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के बाद दासगुप्ता ने वर्तमान जमानत अर्जी दायर की।

सीएमएम ने पहले दासगुप्ता को 28 दिसंबर, 2020 तक पुलिस हिरासत में भेज दिया था, जिसे बढ़ाकर 30 दिसंबर, 2020 कर दिया गया था।

दासगुप्ता की ओर से पेश अधिवक्ता गिरीश कुलकर्णी ने मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया कि दासगुप्ता के खिलाफ लगाए गए अपराधों की पुलिस द्वारा पुष्टि नहीं की गई थी।

उनका तर्क यह था कि दासगुप्ता के खिलाफ अपराधों को साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं था और इसके अलावा मामले में गिरफ्तार किए गए सह-अभियुक्त को भी जमानत दे दी गई थी।

कुलकर्णी ने तर्क दिया कि धोखाधड़ी के कथित अपराध का मतलब एक गलत नुकसान या गलत लाभ है, जो इस मामले में नहीं किया गया था।

उन्होंने अंततः कहा कि टीआरपी घोटाला होने से बहुत पहले दासगुप्ता ने नवंबर, 2019 में BARC के सीईओ के पद से इस्तीफा दे दिया था।

विशेष लोक अभियोजक शिशिर हिरे ने दासगुप्ता की भूमिका और पुलिस अधिकारियों द्वारा दासगुप्ता के खिलाफ खोजे गए सबूतों की ओर इशारा करते हुए आवेदन का विरोध किया।

न्यायालय ने अंततः जमानत याचिका खारिज कर दी। विस्तृत आदेश की प्रतीक्षा है।

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[TRP Scam] Former BARC CEO Partho Dasgupta denied bail by Mumbai Court