रिपब्लिक टीवी ने अपनी मूल कंपनी एआरजी आउटलायर के माध्यम से बंबई उच्च न्यायालय में याचिका दायर करके मुंबई पुलिस द्वारा कथित फर्जी टीआरपी स्कैम का भंडाफोड़ किये जाने के मामले के संबंध में दर्ज प्राथमिकी को चुनाती दी है।
याचिका में रिपब्लिक टीवी और उसके प्रधान संपादक सहित सारे कर्मचारियों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी निरस्त करने के साथ ही मुंबई पुलिस की अपराध शाखा द्वारा की जा रही इस जाचं को सीबीआई को हस्तांतरित करने का आदेश देने का अनुरोध किया गया है।
याचिका में केन्द्र को यह निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है कि वह मुंबई के पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह के खिलाफ सीबीआई जांच के साथ ही उनके खिलाफ अपने पद का दुरूपयोग करने के मामले में अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू करे।
रिपब्लिक टीवी ने अपने चैनल के सदस्यों के खिलाफ अपराध शाखा की पूछताछ करने या जांच करने जैसी किसी दंडात्मक कार्रवाई से संरक्षण का भी अनुरोध किया है।
रिपब्लिक टीवी ने याचिका में यह अनुरोध किया है कि न्यायालय में लंबित मामले का फैसला होने तक चैनल और उसके कर्मचारियों के खिलाफ जांच पर रोक लगाई जाये।
रिपब्लिक टीवी ने सारे मामले की जांच केन्द्रीय जांच ब्यूरो को सौंपने का अनुरोध किया है क्योंकि उसे आशंका है कि मुंबई पुलिस की अपराध शाखा से दुर्भावनापूर्ण और पूर्व निर्धारित है।
उन्होंने प्राथमिकी को चुनौती दी है क्योंकि उनका मानना है कि इस प्राथमिकी के संबंध में उन्हें झूंठा फंसाया गया है क्योंकि वे सुशांत सिंह राजपूत की मौत और पालघर लिंचिंग घटनाओं की जांच में महाराष्ट्र सरकार और मुंबई पुलिस की खामिमयों को उजागर करने में सबसे आगे रहा है।
याचिका में कहा गया है कि प्राथमिकी में जानबूझ कर उनके नाम का उल्लेख नहीं है ताकि उन्हें कोई भी राहत प्राप्त करने से रोका जा सके।
पुलिस आयुक्त सिंह के 8 अक्टूबर को प्रेस ब्रीफिंग में दिये गये बयानों के मद्देनजर याचिका में कहा गया है कि रिपब्लिक टीवी के कर्मचारियों में मुंबई पुलिस को लेकर आशंकायें हैं।
मुंबई पुलिस ने प्राथमिकी के सिलसिले में रिपब्लिक टीवी और उसके कर्मचारियों सहित कुछ समाचार चैनलों की कथित भूमिकी की जांच शुरू की है।
रिपब्लिक टीवी ने पिछले सप्ताह उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर कर मुंबई पुलिस द्वारा उसे जारी किये गये सम्मन को चुनौती दी थी।
उच्चतम न्यायालय ने याचिका खारिज कर दी थी क्योंकि इसे रिपब्लिक टीवी ने वापस ले लिया था ताकि वह बंबई उच्च न्यायालय जा सके।
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