Samajwadi party, election commission and supreme court

 
वादकरण

[यूपी चुनाव 2022] उम्मीदवारो के आपराधिक इतिहास का खुलासा नही करने वाले राजनीतिक दलो का पंजीकरण रद्द के लिए SC के समक्ष याचिका

याचिका में उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए एक उम्मीदवार के रूप में कैराना निर्वाचन क्षेत्र से समाजवादी पार्टी (सपा) के नाहिद हसन को मैदान में उतारने का विशिष्ट उदाहरण दिया गया है।

Bar & Bench

एडवोकेट अश्विनी कुमार उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट का रुख कर भारत के चुनाव आयोग को उन राजनीतिक दलों का पंजीकरण रद्द करने का निर्देश देने की मांग की है जो चुनाव के लिए उम्मीदवारों के आपराधिक इतिहास का खुलासा नहीं करते हैं [अश्विनी कुमार उपाध्याय बनाम भारत संघ]।

उपाध्याय, एक भाजपा नेता, ने उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए एक उम्मीदवार के रूप में कैराना निर्वाचन क्षेत्र से समाजवादी पार्टी (सपा) के नाहिद हसन को मैदान में उतारने का विशिष्ट उदाहरण दिया।

उपाध्याय ने आरोप लगाया कि हसन एक कुख्यात गैंगस्टर है लेकिन एसपी ने न तो उसके आपराधिक रिकॉर्ड को इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट और सोशल मीडिया में प्रकाशित किया और न ही उसके चयन का कारण जो सुप्रीम कोर्ट के फरवरी 2020 के फैसले के अनुसार अनिवार्य है।

याचिका में कहा गया है, "नाहिद हसन करीब 11 महीने पहले उन पर लगाए गए गैंगस्टर एक्ट के तहत हिरासत में है और वह उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले चरण में नामांकन दाखिल करने वाले पहले उम्मीदवार हैं। कैराना से दो बार विधायक रहे नाहिद हसन पर 13.2.2021 को शामली पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट लगा दिया। उसके पास कई आपराधिक मामले हैं और कैराना से हिंदू पलायन के पीछे मास्टरमाइंड है। धोखाधड़ी और जबरन वसूली सहित कई आपराधिक मामले हैं और विशेष विधायक-एमपी कोर्ट द्वारा भगोड़ा घोषित किया गया था।"

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[UP Elections 2022] Plea before Supreme Court to de-register political parties which do not reveal criminal antecedents of candidates