उत्तर प्रदेश सरकार ने गुरुवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का रुख किया, जिसमें राज्य को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए आरक्षण के बिना शहरी स्थानीय निकाय चुनाव कराने का निर्देश दिया गया था।
जस्टिस सौरभ लवानिया और डीके उपाध्याय की उच्च न्यायालय की पीठ ने 27 दिसंबर को राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) को ओबीसी आरक्षण के बिना तत्काल आधार पर चुनाव कराने का निर्देश दिया था। यह इस आधार पर था कि ओबीसी आरक्षण के लिए राज्य की अधिसूचना सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित ट्रिपल टेस्ट फॉर्मूले को पूरा करने में विफल रही।
उच्च न्यायालय ने, हालांकि, संविधान के अनुसार महिलाओं के लिए आरक्षण को शामिल करने का निर्देश दिया था।
राज्य ने अब फैसले के खिलाफ अपील में शीर्ष अदालत का रुख किया है।
उच्च न्यायालय का फैसला ट्रिपल टेस्ट औपचारिकता को पूरा किए बिना चुनावों में ओबीसी आरक्षण प्रदान करने के लिए राज्य सरकार की मसौदा अधिसूचना के खिलाफ दलीलों के एक बैच पर आया।
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