मद्रास हाईकोर्ट ने हाल ही में 'कुकू विद कोमाली' (कॉमेडियन के साथ खाना बनाना) नाम के तमिल भाषा के कॉमेडी कुकिंग शो में खाने की बर्बादी की शिकायत करने वाली एक पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन (PIL) याचिका को खारिज कर दिया [सैयद अलीम एच बनाम सूचना और प्रसारण मंत्रालय और अन्य]।
चीफ जस्टिस एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस जी अरुल मुरुगन की बेंच ने 5 नवंबर को याचिका खारिज कर दी, क्योंकि याचिकाकर्ता सैयद अलीम एच केस पर बहस करने के लिए कोर्ट में पेश नहीं हुए।
कोर्ट ने कहा, "दूसरे राउंड में भी याचिकाकर्ता की तरफ से कोई पेश नहीं हुआ। केस आगे न बढ़ाने के कारण याचिका खारिज की जाती है। नतीजतन, अंतरिम आवेदन भी खारिज किए जाते हैं।"
याचिका में कोर्ट से शो के ब्रॉडकास्ट को रोकने का निर्देश देने की मांग की गई थी, क्योंकि इसमें ऐसे टास्क दिखाए जाते हैं जिनसे जानबूझकर खाने की बर्बादी होती है।
याचिकाकर्ता ने शो बनाने वालों पर संविधान के आर्टिकल 21 (जीवन और आज़ादी का अधिकार), 47 (जिसमें राज्य का यह कर्तव्य शामिल है कि वह लोगों के पोषण का स्तर बढ़ाए और सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार करे) और 51A(g) (प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा करना और जीवित प्राणियों के प्रति दया रखना नागरिक का कर्तव्य है) का उल्लंघन करने के लिए उन पर भारी जुर्माना लगाने की भी मांग की।
याचिकाकर्ता ने दावा किया कि शो का कंटेंट ऐसा था जिससे तमिलनाडु में सार्वजनिक स्वास्थ्य और पोषण सुरक्षा को बहुत ज़्यादा नुकसान हुआ।
[ऑर्डर पढ़ें]
और अधिक पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें
Madras High Court dismisses PIL against food wastage on 'Cooku with Comali' reality show