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[NEET UG 2021] सुप्रीम कोर्ट ने OMR शीट से छेड़छाड़ का आरोप लगाने वाली याचिका खारिज की

कोर्ट ने कहा कि रिकॉर्ड पर ओएमआर शीट याचिकाकर्ता-अभ्यर्थियों की मूल लिखावट वाले थे और उन पर पर्यवेक्षकों और अभ्यर्थियों दोनों के हस्ताक्षर थे।

Bar & Bench

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें वर्ष 2021 के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) की स्नातक परीक्षाओं में राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी द्वारा ओएमआर शीट के साथ छेड़छाड़ / निर्माण का आरोप लगाया गया था। [प्रभनूर सिंह और अन्य बनाम राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी]।

कोर्ट ने कहा कि छह याचिकाकर्ताओं को उनकी ओएमआर शीट दिखाई गई जो अपलोड की गई थीं और उनमें से पांच ने पुष्टि की कि वे उनकी मूल ओएमआर शीट थीं।

कोर्ट ने आगे कहा कि रिकॉर्ड पर ओएमआर शीट वे थे जिन पर याचिकाकर्ता-अभ्यर्थियों की मूल लिखावट थी और उन पर पर्यवेक्षकों और अभ्यर्थियों दोनों के हस्ताक्षर थे।

अत: यह नहीं कहा जा सकता कि जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और एएस बोपन्ना की बेंच ने फैसला सुनाया कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी किसी भी तरह के निर्माण या छेड़छाड़ में लिप्त है।

कोर्ट ने आदेश दिया, "प्रथम दृष्टया यह नहीं कहा जा सकता है कि राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी के बैक ऑफिस में किसी प्रकार की छेड़छाड़ या हेराफेरी की गई है। 15.44 लाख उम्मीदवारों ने परीक्षा का प्रयास किया है, जिनमें से छह इस अदालत में आए हैं। पांचों ने अपने माता-पिता के साथ अपनी ओएमआर शीट का सत्यापन किया है। याचिका खारिज।"

आगे यह देखा गया कि प्रति उम्मीदवार केवल एक उत्तर पुस्तिका है और वही सर्वर पर भी उपलब्ध है। ओएमआर शीट की प्रतियां छह याचिकाकर्ताओं की ईमेल आईडी पर भी भेजी गईं और एक ब्लाइंड कॉपी एनटीए को भेजी गई।

पीठ ने याचिका को खारिज करते हुए कहा, "एनटीए आपके परिणामों में हेरफेर क्यों करना चाहेगा? वे कह रहे हैं कि वे आपको मूल परिणाम देंगे।"

याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मनोज स्वरूप पेश हुए, जबकि अधिवक्ता रूपेश कुमार ने एनटीए का प्रतिनिधित्व किया।

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[NEET UG 2021] Supreme Court rejects plea alleging OMR sheet tampering