केंद्र सरकार ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि जिन उम्मीदवारों को मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) स्नातक परीक्षा 2024 लिखने के लिए आवंटित समय से कम समय मिला है, उनके पास परीक्षा फिर से देने या समय की हानि के लिए पहले दिए गए अनुग्रह अंकों को छोड़ने का विकल्प होगा।
यह घटनाक्रम इस विवाद के बीच हुआ है कि "मनमाने ढंग से" अनुग्रह अंक दिए जाने के कारण NEET के दौरान शीर्ष स्कोरर की संख्या में चौंकाने वाली वृद्धि हुई, जिसमें परीक्षा के संचालन में कदाचार, धोखाधड़ी और अनियमितताओं के कई दावे किए गए।
आज न्यायालय को सूचित किया गया कि सभी 1,563 उम्मीदवार जिन्हें NEET 2024 लिखने के लिए आवंटित समय से कम समय मिला, उन्हें फिर से परीक्षा देने का विकल्प दिया जाएगा।
यदि वे फिर से परीक्षा देने का विकल्प चुनते हैं, तो उनका पहले का NEET स्कोर रद्द हो जाएगा (और इसके बजाय फिर से परीक्षा के बाद का नया स्कोर गिना जाएगा)।
यदि ये छात्र फिर से परीक्षा नहीं देने का विकल्प चुनते हैं, तो उनके मूल अंक बने रहेंगे, लेकिन समय की हानि के कारण पहले दिए गए अनुग्रह अंकों की गणना नहीं की जाएगी।
न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और संदीप मेहता की पीठ को सूचित किया गया कि कल (12 जून) आयोजित समिति की बैठक के बाद ऐसा पाठ्यक्रम सुझाया गया था। इसे आज न्यायालय के आदेश में दर्ज किया गया।
न्यायालय ने कहा, "सिफारिशों के अनुसार यह सुझाव दिया गया है कि प्रभावित 1563 अभ्यर्थियों के स्कोरकार्ड रद्द कर दिए जाएंगे और उन्हें वापस ले लिया जाएगा तथा बिना किसी ग्रेस मार्क्स के वास्तविक अंक बताए जाएंगे और उनके लिए दोबारा परीक्षा आयोजित की जाएगी। जो अभ्यर्थी दोबारा परीक्षा नहीं देंगे, उनका परिणाम बिना किसी ग्रेस मार्क्स के वास्तविक अंक होगा।"
राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) ने यह भी बताया कि दोबारा परीक्षा 23 जून को होगी और इसके परिणाम 30 जून तक अधिसूचित किए जाएंगे।
इसके बाद 6 जुलाई से मेडिकल कॉलेज काउंसलिंग शुरू होगी।
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