भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) एनवी रमना ने शुक्रवार को सरकारों द्वारा न्यायपालिका को बदनाम करने के हालिया रुझान की निंदा की।
CJI ने कहा कि जजों पर आरोप लगाने का प्रयास पहले केवल निजी पार्टियों द्वारा किया जाता था, लेकिन हाल ही में सरकार भी अंधानुकरण में शामिल हो गई है।
उन्होंने कहा, "यह एक नया चलन है जहां सरकार न्यायाधीशों को बदनाम कर रही है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है और हम इसे अदालत में भी देख रहे हैं। पहले केवल निजी पार्टियों ने इसका सहारा लिया था। यह हम हर रोज देख रहे हैं।"
याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ दवे ने कहा कि इस प्रवृत्ति को "खारिज नहीं किया जा सकता है।"
CJI की अध्यक्षता वाली पीठ छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के एक आदेश के खिलाफ एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसने भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के तहत एक प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) को रद्द कर दिया था।
अंतत: कोर्ट ने मामले को स्थगित कर दिया।
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