नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) ने शनिवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि दिल्ली की सुनहरी बाग मस्जिद को जल्द कुछ नहीं होने वाला है।
एनडीएमसी की ओर से पेश हुए वकील श्रीहर्ष पीचारा ने कहा कि वर्तमान में एनडीएमसी ने केवल एक सार्वजनिक नोटिस जारी किया है और सुझाव आमंत्रित किए हैं, लेकिन विरासत संरक्षण समिति (एचसीसी) के विचार लिए जाने तक कोई निर्णय नहीं लिया जा सकता है।
एचसीसी का पुनर्गठन किया जाना है क्योंकि इसके कुछ सदस्यों ने इस्तीफा दे दिया है। जल्द ही कुछ नहीं होने वाला है। पीचारा ने कहा कि हमारे द्वारा जारी किया गया नोटिस केवल प्रक्रियात्मक है।
न्यायमूर्ति मनोज जैन की अवकाशकालीन पीठ सुनहरी बाग मस्जिद के इमाम अब्दुल अजीज की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें एनडीएमसी के 24 दिसंबर, 2023 को जारी सार्वजनिक नोटिस को चुनौती दी गई थी।
सुनवाई के दौरान अदालत ने यह भी सवाल किया कि जब संपत्ति दिल्ली वक्फ बोर्ड के पास है तो इमाम के उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने का अधिकार क्या है।
अदालत ने संक्षिप्त दलीलें सुनने के बाद मामले की सुनवाई आठ जनवरी तक के लिए स्थगित कर दी।
एनडीएमसी ने आम लोगों से सुनहरी बाग मस्जिद को हटाने के संबंध में आपत्तियां/सुझाव देने को कहा था।
अजीज ने अपनी याचिका में दलील दी है कि सुनहरी बाग मस्जिद 150 साल से अधिक पुरानी है और एनडीएमसी का यह दावा गलत है कि इससे इलाके में यातायात होता है।
याचिका में दलील दी गई है कि पूरा लुटियंस क्षेत्र अस्तित्व में आया और मस्जिद के निर्माण के दशकों बाद उसके आसपास बस गया और आसपास के क्षेत्र की मस्जिद में कोई गड़बड़ी नहीं हुई।
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No action on Sunehri Bagh Masjid anytime soon: NDMC tells Delhi High Court