समाचार

पतंगबाजी, चीनी मांझा पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर

कोर्ट ने गुरुवार को मामले की सुनवाई की और दिल्ली पुलिस की ओर से पेश वकील को याचिका पर विशेष रूप से चीनी मांझा के मुद्दे पर निर्देश प्राप्त करने को कहा।

Bar & Bench

राष्ट्रीय राजधानी में पतंगबाजी और चीनी मांझा के इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष एक जनहित याचिका (पीआईएल) याचिका दायर की गई है। [संसेर पाल सिंह बनाम यूओआई]।

याचिका में पतंग बनाने, भंडारण और इसके परिवहन के साथ-साथ पतंग उड़ाने में इस्तेमाल होने वाली अन्य सभी सामग्रियों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की भी मांग की गई है।

मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की खंडपीठ ने गुरुवार को मामले की सुनवाई की और दिल्ली पुलिस की ओर से पेश वकील से विशेष रूप से चीनी मांझा के मुद्दे पर याचिका पर निर्देश प्राप्त करने को कहा।

मामले की सुनवाई 5 अगस्त शुक्रवार को की जाएगी।

अधिवक्ता संसेर पाल सिंह द्वारा दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि अधिकारियों से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, कई मनुष्यों और अनगिनत पक्षियों ने अपनी जान गंवाई है या पतंग के तार से घायल हुए हैं।

सिंह ने कहा कि 2006 में उनका खुद का एक्सीडेंट हो गया था, जब उनके शरीर में पतंग की डोरी फंस गई थी और इसे गले तक पहुंचने से रोकने के प्रयास में उन्होंने अपनी उंगली आधी काट ली।

याचिका में तर्क दिया गया कि दिल्ली पुलिस ने हाल के वर्षों में पतंग के तार से मनुष्यों को चोट पहुंचाने की घटनाओं पर 10 प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज की हैं, लेकिन संख्या बहुत अधिक हो सकती है और पतंगबाजी पर पूर्ण प्रतिबंध ही समस्या का एकमात्र समाधान है क्योंकि एक बार दुर्घटना हो जाने के बाद अपराधी को पकड़ना या जिम्मेदारी तय करना बेहद मुश्किल है।

इसमें आगे कहा गया है कि राजस्थान और गुजरात उच्च न्यायालयों ने भी इस मुद्दे पर निर्देश पारित किए हैं और अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि पतंगबाजी में प्लास्टिक या नायलॉन के धागे या कांच के पाउडर जैसे किसी अन्य जहरीले पदार्थ का उपयोग नहीं किया जाता है।

और अधिक के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें


Plea filed before Delhi High Court seeking complete ban on kite flying, Chinese manjha