प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़ की हालिया बयान के लिए सराहना की कि सुप्रीम कोर्ट अपने निर्णयों को सभी भारतीय भाषाओं में उपलब्ध कराने का प्रयास करेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर इस विचार को लागू किया जाता है तो इससे लोगों, खासकर युवाओं को मदद मिलेगी।
पीएम ने ट्वीट किया, "हाल ही में एक समारोह में, माननीय सीजेआई जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने क्षेत्रीय भाषाओं में एससी निर्णयों को उपलब्ध कराने की दिशा में काम करने की आवश्यकता पर बात की। उन्होंने इसके लिए तकनीक के इस्तेमाल का सुझाव भी दिया। यह एक प्रशंसनीय सोच है, जिससे कई लोगों, विशेषकर युवाओं को मदद मिलेगी।"
CJI चंद्रचूड़ ने शनिवार को संकेत दिया था कि तेजी से डिजिटल होती दुनिया में भारतीय न्यायपालिका के लिए अगला कदम संभवत: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) टूल्स की मदद से सुप्रीम कोर्ट के फैसलों को सभी भारतीय भाषाओं में उपलब्ध कराना होगा।
सीजेआई बार काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र एंड गोवा द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में उन्हें सम्मानित करने के लिए बोल रहे थे।
CJI ने कहा था, "मैं मद्रास के एक प्रोफेसर से मिला, जो AI में काम करता है और अगला कदम हर भारतीय भाषा में सुप्रीम कोर्ट के फैसलों की प्रतियों का अनुवाद करना है।"
सीजेआई ने कहा था कि अंग्रेजी में निर्णय एक ग्रामीण वादी के लिए उपयोगी नहीं होंगे जो अंग्रेजी की बारीकियों को नहीं समझते हैं।
सीजेआई ने कहा था, "जब तक हम नागरिकों तक उस भाषा में नहीं पहुंचेंगे, जिसे वे समझ सकते हैं, जिस तरह से वे समझ सकते हैं, जो काम हम करते हैं, वह हमारी 99 प्रतिशत आबादी तक नहीं पहुंच पाएगा।"
प्रधानमंत्री ने आज अपने ट्वीट में कहा कि केंद्र सरकार भी भारतीय भाषाओं को प्रोत्साहित करने के लिए प्रयास कर रही है।
पीएम ने अपने ट्वीट में कहा, "भारत में कई भाषाएं हैं, जो हमारी सांस्कृतिक जीवंतता में इजाफा करती हैं। केंद्र सरकार भारतीय भाषाओं को प्रोत्साहित करने के लिए कई प्रयास कर रही है, जिसमें इंजीनियरिंग और चिकित्सा जैसे विषयों का अध्ययन करने का विकल्प शामिल है।"
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