राजस्थान की एक अदालत ने मंगलवार को दरगाह के मौलवी सैयद गौहर हुसैन चिश्ती और पांच अन्य को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा के खिलाफ जून 2022 में 'सर तन से जुदा' के नारे लगाने के आरोप से बरी कर दिया।
अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश रितु मीना ने सभी छह आरोपियों को बरी करते हुए फैसला सुनाया।
चिश्ती और अन्य ने कथित तौर पर मई 2022 में पैगंबर मुहम्मद के बारे में नूपुर शर्मा की टिप्पणियों के खिलाफ अजमेर में एक सार्वजनिक विरोध प्रदर्शन में "गुस्ताखी-ए-नबी की एक ही सजा, सर तन से जुदा, सर तन से जुदा" का नारा लगाया था।
घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आने के बाद चिश्ती ने अजमेर छोड़ दिया और हैदराबाद में शरण ली, जहां से उन्हें 15 जुलाई को गिरफ्तार कर लिया गया। उन पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 115 (मृत्यु या आजीवन कारावास से दंडनीय अपराध के लिए उकसाना, यदि अपराध नहीं किया गया हो), 117 (जनता या दस से अधिक व्यक्तियों द्वारा अपराध के लिए उकसाना), 143 (अवैध भीड़ का सदस्य होने के लिए दंड), 149 (अवैध भीड़ का प्रत्येक सदस्य समान उद्देश्य के लिए किए गए अपराध का दोषी), 188 (लोक सेवक द्वारा विधिवत जारी आदेश की अवज्ञा), 302 (हत्या के लिए दंड), 504 (शांति भंग करने के लिए जानबूझकर अपमान करना) और 506 (आपराधिक धमकी के लिए दंड) के तहत मामला दर्ज किया गया।
राज्य के अनुसार, वीडियो के व्यापक प्रसार के कारण अमरावती और उदयपुर में सिर काटने की घटनाओं के कारण धारा 155 (गैर-संज्ञेय मामलों की सूचना और ऐसे मामलों की जांच) और 302 (हत्या) के प्रावधान लागू किए गए।
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