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आरजी कर मामला: कोलकाता की अदालत ने पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष को जमानत दी

आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में कथित वित्तीय अनियमितताओं से संबंधित मामले में घोष अभी जेल में ही रहेंगे।

Bar & Bench

कोलकाता की एक अदालत ने शुक्रवार को आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को इस वर्ष अगस्त में एक रेजिडेंट डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के मामले में जमानत दे दी।

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) 90 दिनों की अवधि के भीतर आरोपपत्र दाखिल नहीं कर सका, इसलिए जमानत दी गई।

अदालत ने पुलिस अधिकारी अभिजीत मंडल को भी जमानत दे दी।

मंडल जेल से बाहर आ जाएंगे, जबकि घोष आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में कथित वित्तीय अनियमितताओं से संबंधित मामले में सलाखों के पीछे रहेंगे।

घोष को 2 सितंबर को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था, जब कलकत्ता उच्च न्यायालय ने 23 अगस्त को एजेंसी को आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में बलात्कार मामले में कथित वित्तीय अनियमितताओं और महत्वपूर्ण सबूतों के दुरुपयोग की जांच करने का आदेश दिया था।

आरजी कर अस्पताल के पूर्व उप अधीक्षक अख्तर अली द्वारा प्रिंसिपल रहते हुए घोष द्वारा गंभीर अवैधताओं का आरोप लगाते हुए उच्च न्यायालय में याचिका दायर करने के बाद उच्च न्यायालय ने जांच का आदेश दिया था।

इसके बाद घोष ने उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए सर्वोच्च न्यायालय का रुख किया, लेकिन 6 सितंबर को इसे खारिज कर दिया गया।

बलात्कार और हत्या की घटना के बाद घोष नकारात्मक प्रेस के निशाने पर रहे हैं, जिसने देश भर में आक्रोश और विरोध को जन्म दिया। बाद में उन पर आरोप लगे कि वे पीड़ितों को दोषी ठहराने में संलिप्त थे, जिसके बाद उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया।

हालांकि, उन्हें तुरंत ही दूसरे कॉलेज का प्रिंसिपल बना दिया गया।

इससे कड़ी प्रतिक्रिया हुई और कलकत्ता उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार की इस बात के लिए आलोचना की कि उसने घोष को उनके इस्तीफा देने के कुछ ही घंटों बाद नया पद देकर "पुरस्कृत" कर दिया।

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RG Kar case: Kolkata court grants bail to ex-Principal Dr Sandip Ghosh