सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को उत्तान स्थित बाले शाह पीर दरगाह में कथित अनधिकृत निर्माण के संबंध में यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया।
भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) बीआर गवई और न्यायमूर्ति एजी मसीह की पीठ ने महाराष्ट्र सरकार को सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया।
अदालत ने आदेश दिया, "4 सप्ताह बाद सूचीबद्ध करें। दस्ती की अनुमति है। महाराष्ट्र के स्थायी वकील को तामील करें। अगली तारीख तक आज की स्थिति के अनुसार यथास्थिति रहेगी।"
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने इस इमारत को गिराने का आदेश दिया था। विधायक निरंजन दावखरे द्वारा राज्य विधान परिषद में उठाए गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने यह घोषणा की।
यह आरोप लगाया गया था कि बाले शाह पीर चैरिटेबल ट्रस्ट ने भयंदर के पास उत्तान में पारिस्थितिकी दृष्टि से संवेदनशील चौक जेट्टी के पास सरकारी स्वामित्व वाली भूमि पर स्थित संरक्षित मैंग्रोव क्षेत्रों पर अतिक्रमण किया है।
आज अदालत को बताया गया कि "मंत्री ने विधानसभा में बयान दिया था कि इसे गिरा दिया जाएगा।"
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Supreme Court halts demolition at Bale Shah Peer Dargah, orders status quo