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सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब में पंचायत चुनाव पर रोक लगाने से किया इनकार

न्यायालय ने कहा कि इसका समाधान उच्च न्यायालय में चुनाव याचिका दायर करके किया जा सकता है और चुनाव पर रोक लगाना एक कठोर कदम है।

Bar & Bench

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को पंजाब में पंचायत चुनावों पर रोक लगाने से इनकार कर दिया और कहा कि राज्य में मतदान पहले ही शुरू हो चुका है।

इस मामले का उल्लेख भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष किया गया, जिसमें न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल थे।

सीजेआई ने टिप्पणी की, "हम अब इस पर रोक कैसे लगा सकते हैं.. चुनाव अब शुरू हो गए होंगे! अगर हम अभी रोक लगाते हैं तो पूरी तरह अराजकता फैल जाएगी। चुनाव पर रोक लगाना गंभीर बात है।"

याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश हुए वकील ने कहा, "यह एक असामान्य मामला है।"

लेकिन न्यायालय ने कहा कि इसका समाधान उच्च न्यायालय में चुनाव याचिका के माध्यम से ही संभव है और चुनाव पर रोक लगाना एक कठोर कदम है।

मुख्य न्यायाधीश ने स्पष्ट किया, "यह एक असामान्य लोकतंत्र है, जहां हम चुनावों को महत्व देते हैं। आपके पास चुनाव याचिका के रूप में उपाय हैं। हम रोक नहीं लगाएंगे, खासकर तब जब चुनाव शुरू हो चुके हैं। कल कोई इस तरह संसदीय चुनावों पर रोक लगाना चाहेगा। हम इसे सूचीबद्ध करेंगे, लेकिन अंतरिम रोक नहीं लगाएंगे।"

CJI DY Chandrachud, Justice JB Pardiwala,, Justice Manoj Misra

शीर्ष अदालत के समक्ष अपील पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के उस निर्णय को चुनौती देते हुए दायर की गई थी, जिसमें सोमवार को पंचायत चुनावों में अनियमितताओं का आरोप लगाने वाली लगभग 800 याचिकाओं को खारिज कर दिया गया था।

टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, उच्च न्यायालय ने 200 से अधिक पंचायतों के चुनाव कराने पर पहले लगाई गई रोक को भी हटा दिया।

द ट्रिब्यून ने बताया कि अधिकांश याचिकाओं में चुनावों की नामांकन प्रक्रिया में अनियमितताओं का आरोप लगाया गया था। उच्च न्यायालय ने चुनावों पर रोक लगाने से इनकार करते हुए पंचायतों के चुनावों की वीडियोग्राफी का आदेश दिया।

पंजाब सरकार ने उच्च न्यायालय के समक्ष तर्क दिया था कि याचिकाएँ विचारणीय नहीं थीं, क्योंकि याचिकाकर्ताओं को इसके बजाय चुनाव याचिकाएँ दायर करनी थीं।

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Supreme Court refuses to stay Panchayat elections in Punjab