सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश (यूपी) सरकार को पूर्व विधान सभा सदस्य (एमएलए) उदय भान सिंह की सजा माफी याचिका पर शीघ्र निर्णय लेने का निर्देश दिया, जिन्हें 1999 के तिहरे हत्याकांड मामले में दोषी ठहराया गया था। [उदय भान सिंह @ डॉक्टर सिंह बनाम दीपक कुमार]।
न्यायमूर्ति अभय ओका और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की अवकाश पीठ ने सिंह द्वारा दायर अवमानना याचिका पर यह आदेश पारित किया।
अदालत ने आदेश दिया, "हम उम्मीद करते हैं कि प्रतिवादी 29 अप्रैल, 2024 के आदेश का तत्काल अनुपालन करेगा और पारित आदेश को रिकॉर्ड पर दर्ज करेगा।"
29 अप्रैल को न्यायमूर्ति ओका और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने बहुजन समाजवादी पार्टी (बसपा) के पूर्व विधायक को जेल से शीघ्र रिहाई देने से इनकार करने के राज्य के फैसले को इस आधार पर खारिज कर दिया था कि उन्हें तीन हत्याओं के लिए दोषी ठहराया गया है।
यह देखते हुए कि सिंह के समान ही तीन अन्य दोषियों को पहले ही छूट दी जा चुकी है, न्यायालय ने सिंह की याचिका स्वीकार कर ली थी और उत्तर प्रदेश सरकार को उनके अनुरोध पर पुनर्विचार करने का निर्देश दिया था।
हालांकि, चूंकि सरकार द्वारा कोई निर्णय नहीं लिया गया था, इसलिए सिंह ने न्यायालय की अवमानना याचिका दायर की थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि राज्य शीर्ष न्यायालय के निर्देश का पालन करने में विफल रहा है।
शुक्रवार (28 जून) को, सिंह के वकील ने न्यायालय को बताया कि वह पहले ही 20 वर्ष और 7 महीने जेल में बिता चुके हैं और शीर्ष न्यायालय के 29 अप्रैल के निर्देश के बावजूद, राज्य द्वारा सिंह की छूट की याचिका पर कोई नया निर्णय नहीं लिया गया है।
न्यायालय ने राज्य सरकार को नोटिस जारी किया और उसे छूट की याचिका पर तुरंत निर्णय लेने का निर्देश दिया।
पीठ ने आगे निर्देश दिया, ‘‘इस बीच, हम 29 अप्रैल, 2024 के आदेश के तहत याचिकाकर्ता को दी गई अंतरिम जमानत को वापसी की तारीख (26 जुलाई) तक बढ़ाते हैं।’’
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