वकील प्रशांत भूषण ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि पिछले अक्टूबर में त्रिपुरा में हुई हिंसा और घृणा अपराधों की जांच की मांग करने वाले मामले में त्रिपुरा सरकार का हलफनामा किस बात से भरा है। [एहतेशाम हाशमी बनाम भारत संघ]।
याचिकाकर्ता एहतेशाम हाशमी का प्रतिनिधित्व कर रहे भूषण ने कहा कि राज्य की प्रतिक्रिया इस बारे में है कि याचिकाकर्ताओं ने चुनाव के बाद पश्चिम बंगाल की हिंसा की जांच क्यों नहीं की और अकेले त्रिपुरा हिंसा को उजागर करना चुना।
उन्होंने कहा, "मैंने टीवी में देखा है, लेकिन यह जवाब पश्चिम बंगाल हिंसा के बारे में है और आपने (नहीं) जांच क्यों की। यह राज्य को अच्छी रोशनी में नहीं दिखाता है। राज्य के लिए इस तरह की हरकत करना राज्य के लिए अशोभनीय है। मैं समझता हूं कि सी ग्रेड चैनलों के साथ भी ऐसा ही है।"
भूषण ने प्रत्युत्तर हलफनामा दाखिल करने के लिए समय मांगा, जिसे अदालत ने मंजूर कर लिया। अगले हफ्ते सोमवार को इस मामले पर फिर सुनवाई होगी।
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[Tripura violence] State affidavit is whataboutery on West Bengal violence: Prashant Bhushan