वाराणसी की एक विशेष अदालत ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी को फर्जी हथियार लाइसेंस मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई है।
निचली अदालत ने अंसारी को भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश), 420 (धोखाधड़ी), 467 (मूल्यवान सुरक्षा की जालसाजी) और 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी) के अलावा शस्त्र अधिनियम के कुछ प्रावधानों के तहत दोषी पाया।
फर्जी हथियार लाइसेंस मामला अंसारी द्वारा जून 1987 में डबल बैरल बंदूक लाइसेंस के लिए किए गए आवेदन से जुड़ा है।
गाजीपुर में जिला मजिस्ट्रेट के समक्ष आवेदन किया गया था। हालांकि, बाद में अंसारी ने बंदूक लाइसेंस हासिल करने के लिए डीएम और पुलिस अधीक्षक दोनों के जाली हस्ताक्षर का इस्तेमाल किया।
नतीजतन, 1990 में उनके खिलाफ आईपीसी और शस्त्र अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था।
अंसारी विभिन्न आपराधिक मामलों के सिलसिले में वर्तमान में उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में बंद है।
उन्हें कई अन्य आपराधिक मामलों में दोषी ठहराया गया है, जिनमें 1999 में उत्तर प्रदेश गैंगस्टर अधिनियम के तहत एक मामला, अवधेश राय (कांग्रेस नेता के भाई)की 1991 की हत्या और 2003 में एक जेलर को पिस्तौल तानकर धमकाने का मामला शामिल है।
उत्तर प्रदेश गैंगस्टर और असामाजिक गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत अंसारी की सजा को चुनौती देने वाली एक याचिका वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लंबित है।
इस याचिका पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने हाल ही में कहा था कि बसपा के पूर्व विधायक एक 'खूंखार अपराधी' थे। इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में अप्रैल में होनी है।
और अधिक पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें
UP court sentences Mukhtar Ansari to life imprisonment in fake arms license case