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UAPA मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने न्यूज़क्लिक के HR हेड अमित चक्रवर्ती को रिहा करने का आदेश क्यों दिया?

Bar & Bench

दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत मंच के खिलाफ दायर एक मामले में समाचार पोर्टल न्यूज़क्लिक के मानव संसाधन (एचआर) प्रमुख अमित चक्रवर्ती को रिहा करने का आदेश दिया।

न्यायमूर्ति स्वर्णकांता शर्मा ने मामले में सरकारी गवाह बनने के बाद चक्रवर्ती द्वारा दायर याचिका पर आदेश पारित किया।

चक्रवर्ती को न्यूज़क्लिक के प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ के साथ पिछले साल 3 अक्टूबर को दिल्ली पुलिस द्वारा की गई सिलसिलेवार छापेमारी के बाद गिरफ्तार किया गया था।

न्यूयॉर्क टाइम्स के एक लेख में लगाए गए आरोपों के मद्देनजर समाचार मंच के खिलाफ एक आपराधिक मामला दर्ज किया गया था कि इसे चीनी प्रचार को बढ़ावा देने के लिए भुगतान किया जा रहा था।

चक्रवर्ती जनवरी 2024 में मामले में सरकारी गवाह बन गये।

Justice Swarna Kanta Sharma, Delhi High Court

पुलिस के अनुसार, आरोपियों ने अवैध रूप से विदेशी फंड में करोड़ों रुपये प्राप्त किए और इसे भारत की संप्रभुता, एकता और सुरक्षा को बाधित करने के इरादे से तैनात किया।

जांच एजेंसी ने दावा किया है कि कथित तौर पर नेविल रॉय सिंघम द्वारा धोखाधड़ी से धन का निवेश किया गया था - जिसे संस्थाओं के एक जटिल नेटवर्क के माध्यम से चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के प्रचार विभाग से जुड़ा हुआ बताया गया है।

Newsclick Logo, Prabir Purkayastha

दिल्ली की एक अदालत ने हाल ही में न्यूज़क्लिक और पुरकायस्थ के खिलाफ दायर आरोपपत्र पर संज्ञान लिया।

न्यूज़क्लिक ने आरोपपत्र में लगाए गए आरोपों से इनकार किया है।

विशेष रूप से, पुरकायस्थ और चक्रवर्ती की गिरफ्तारी और रिमांड को चुनौती देने वाली याचिकाएं 13 अक्टूबर, 2023 को उच्च न्यायालय ने खारिज कर दी थीं। बाद में उन्होंने फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी।

जहां चक्रवर्ती ने सरकारी गवाह बनने के बाद इस साल जनवरी में अपनी याचिका वापस ले ली, वहीं पुरकायस्थ की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर फैसला फिलहाल सुरक्षित रखा हुआ है।

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Why Delhi High Court ordered release of NewsClick HR Head Amit Chakraborty in UAPA case