हरिद्वार सत्र न्यायालय ने सोमवार को पिछले साल आयोजित एक धर्म संसद कार्यक्रम में मुसलमानों के खिलाफ अभद्र भाषा देने के आरोपी यति नरसिंहानंद को जमानत दे दी।
यह आदेश जिला एवं सत्र न्यायाधीश भारत भूषण पांडे ने आज पारित किया।
जमानत आवेदन की अनुमति ₹50,000 की दो जमानत और समान राशि के व्यक्तिगत बांड के अधीन दी गई थी।
कोर्ट ने जमानत की निम्नलिखित शर्तें भी निर्धारित कीं:
-अभियुक्त को आदेशित किया जाता है कि वह इस आशय का अण्डरटेकिंग विद्वान मजिस्ट्रेट के समक्ष दाखिल करेगा कि वह इस आदेश के उपरान्त समाज में नफरत व साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाला कोई भाषण नहीं देगा और ना ही ऐसे किसी आयोजन, जमाव का हिस्सा होगा जिसका मुख्य उद्देश्य विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता का सम्प्रवर्तन और सौहार्द बने रहने पर प्रतिकूल प्रभाव डाले अथवा आरोपित अपराध की प्रकृति के समान अपराध किये जाने की आशंका हो।
-दौरान विवेचना विवेचक द्वारा अन्वेषण में सहयोग हेतु बुलाये जाने पर विवेचक के समक्ष उनके निर्देशानुसार उपस्थित होगा, अन्यथा की दशा में प्रत्येक माह की 10 तारीख को दौरान अन्वेषण स्थानीय थाने में अपने उपस्थित होने की सूचना देगा।
-दौरान अन्वेषण गवाहों को प्रत्यक्ष या अपरोक्ष रूप से अभियुक्त द्वारा कोई उत्प्रेरणा, भय या धमकी नहीं देगा और ना ही गवाहों को प्रतिकूल रूप से प्रभावित करेगा।
-दौरान अन्वेषण बिना सम्बन्धित न्यायालय / मजिस्ट्रेट की अनुमति लिये विदेश अधिकारी को सात दिन के भीतर सुपुर्द करेगा।
अभियुक्त द्वारा उपरोक्त शर्तों को 7 दिन में पूरा करने पर तथा उपरोक्त आशय का अण्डरटेकिंग विद्वान मजिस्ट्रेट के समक्ष दाखिल करने पर तथा 50,000/- रूपये के दो स्थानीय प्रतिभू व इसी धनराशि का एक व्यक्तिगत बंधपत्र सम्बन्धित मजिस्ट्रेट की सन्तुष्टि के अनुसार दाखिल करने पर जमानत पर रिहा किया जाता है। इस जमानत प्रार्थना पत्र पर हुये आदेश का कोई प्रभाव मामले के गुण-दोष पर नहीं पड़ेगा।
[आदेश पढ़ें]
और अधिक पढ़ने के लिए नीचे दिये गए लिंक पर क्लिक करें
[BREAKING] Yati Narsinghanand granted bail in Haridwar hate speech case