सीएलएटी 2020: काउन्सलिंग के नये दिशानिर्देश, कैसे भरें प्राथमिकता सूची और अन्य जानकारियां

इस बार परिवर्तन में छात्रो को रैंक की घोषणा के बाद अपनी प्राथमिकता सूची में बदलाव की अनुमति भी शामिल है। अब, नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीज अपग्रेड होने की स्थिति में पंजीकरण शुल्क आपस में ही हस्तांतरित करेंगी
CLAT 2020
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नेशनल लॉ एप्टीट्यूड टेस्ट (एनएलएटी) पर उच्चतम न्यायालय का फैसला कानून की पढ़ाई के इच्छुक छात्रों के लिये ही मददगार नहीं हुआ बल्कि इसने एनएलयू कंसोर्टियम से अनुरोध किया है कि आज संपन्न हुयी सीएलएटी के लिये काउन्सलिंग और प्रवेश प्रक्रिया तेज की जाये।

कंसोर्टियम से कहा गया है कि वह प्रवेश प्रक्रिया 15 अक्टूबर तक पूरी करे। जारी की गयी काउन्सलिंग प्रक्रिया और दिशानिर्देशों में कुछ बहुत ही सराहनीय बदलाव किये गये हैं। इन बदलाव में रैंक की घोषणा के बाद छात्रों े अपनी प्राथमिकता सूची में परिवर्तन का अवसर देना भी शामिल है। अब, एनएलयूज अपग्रेड होने की स्थिति में पंजीकरण शुल्क आपस में ही हस्तांतरित कर लेंगे।

चूंकि, इस बार प्रक्रिया काफी तेज होगी, इसलिए छात्रों और अभिभावकों को बहुत अधिक सर्तक और सक्रिय रहना होगा। उन्हें घोषणाओं की जानकारी प्राप्त करने के लिये निरंतर वेबसाइट पर निगाह रखनी होगी। उन्हें जंक मेल और एसएमएस पर भी निगाह रखनी होगी। उन्हें जरूरी दस्तावेज एकत्र करना शुरू कर देना चाहिए क्योंकि किसी भी एनएलयू में सीट आबंटन होने की स्थिति में तत्परता से इन्हें अपलोड करना होगा।

इस प्रक्रिया के बारे में बेहतर जानकारी देने के लिेये मैं इस प्रक्रिया के बारे में यहां विस्तार से बता रहा हूं।

परिणाम ओर प्रवेश प्रक्रिया स्टेप बाई स्टेप

  • सितंबर 28 (अपराह्न 2 से 4 बजे तक ) सीएलएटी संपन्न होगा।

  • सितंबर 28 (शाम)- प्रश्न पत्र के साथ आन्सर की जारी की जायेगी। छात्र अंकों की गणना कर सकेंगे और यह भी पता लगा सकेंगे कि क्या प्रश्नों और उपलब्ध करायी गयी आन्सर की में गल्तियां हैं। मैं उम्मीद करता हूं कि सीएलएटी हमेशा की तरह छात्रों की उत्तर पुस्तिका भी जारी करेंगा।

  • सितंबर 28-29 मध्य रात्रि – छात्रों को इस दौरान परीक्षा, प्रशनों या आन्सर के बारे में प्रतिवेदन, अगर कोई हो, देना होगा। कंसोर्टियम के छात्रों के पेज पर लॉगइन करने के बाद इन्हें अपलोड किया जा सकता है। कंसोर्टियम के वरिष्ठ सदस्यों की एक शिकायत समाधान समिति गठित की गयी है जिसकी अध्यक्षता एक पूर्व प्रधान न्यायाधीश करेंगे जो छात्रों के प्रतिवेशन और अन्य शिकायतों पर विचार करेगी।

  • 3 अक्टूबर– अंतिम उत्तर की जारी की जायेगी।

  • 5 अक्टूबर – मेरिट लिस्ट जारी होगी जिससे सभी छात्रों को अपने अंकों, अखिल भारतीय रैंक, श्रेणी रैंक और दूसरे विवरण मिलेंगे।

  • 6 अक्टूबर (दोपहर 12) से 7 अक्टूबर (शाम छह बजे) – प्रत्येक श्रेणी की सीटों से करीब तीन गुना ज्यादा अभ्यर्थियों को काउन्सलिंग प्रक्रिया में शामिल होने के लिये बुलाया जायेगा। उन्हें इस संबंध में एसएमएस और ईमेल से सूचना दी जायेगी। अभ्यर्थी स्वय ही अपनी रैंक और प्रत्येक श्रेणी में उपलबध सीटों के आधार पर काउन्सलिंग पंजीकरण के अवसर के बारे में पांच अक्ट्रबर तक अनुमान लगा सकते हैं। अभ्यर्थियों को काउन्सलिंग प्रक्रिया में पंजीकरण के लिये 50,000 रूपए का भुगतान करना होगा। यह सीएलएटी के पेज पर लॉगइन करके किया जा सकता है। एनएलयू में अगर सीट आबंटित होती है तो इसकी इस धनराशि को शुल्क में समायोजित कर लिया जायेगा और अगर तीसरी सूची के बाद भी अभ्यर्थी को सीट आबंटित नही होती है तो यह धनराशि लौटा दी जायेगी, अगर इसके लिये समय सीमा में पंजीकरण कराया गया। मैं सभी अभिभावकों को सलाह दूंगा कि वे इस धनराशि का भुगतान छह अक्टूबर को ही कर दें।

  • सावधानी – सामान्य श्रेणी में, अगर रैंक 2000 से नीचे है तो तीसरी सूची तक सीट मिलने की संभावन कम है क्योंकि 300 से 450 से ज्यादा एक सीट नहीं छोड़ेंगे। हालांकि, यह उम्मीद रखनी चाहिए और सतर्क रहना चाहिए ताकि अवसर हाथ से नहीं जाये। सामान्य श्रेणी मे, करीब 4,500 से 5000 अभ्यर्थियों को काउन्सलिंग पंजीकरण के लिये बुलाया जायेगा। 2000 से नीचे के रैंक के अभ्यर्थी एनएलयू की रिक्त सीटों के आबंटन में अवसर मिल सकता है जो 15 अक्टूबर के बाद शुरू होगा। आरक्षित श्रेणी या अधिवास कोटा जैसी कोटा सीट के लिये अभ्यर्थियों को प्रत्येक श्रेणी में उपलब्ध सीटों से तीन गुना सीटों पर विचार के बाद भी सीटें नहीं भरीं तो उन्हें काउन्सलिंग का अवसर मिल सकता है। और रिक्त सीटों के मामले में,कोटा सीटों की कटऑफ बहुत तेजी से गिरती है। अभ्यर्थी संबंधित एनएलयू की रिक्त सीटों के लिये आवेदन करके अपग्रेड भी करा सकता है। अक्टूबर 15 के बाद एनएलयूज के बीच परस्पर सहमति से शुल्क का हस्तांतरण नहीं होगा। नोट- अगर कोई काउन्सलिंग शुल्क का भुगतान नहीं करता है तो तीसरी सूची तक उनके नाम पर किसी भी सीट के लिये विचार नहीं किया जायेगा।

    अभ्यर्थी अगर चाहें तो अपनी प्राथमिकता सूची में बदलाव कर सकते हैं। यह पंजीकरण प्रक्रिया का हिस्सा है और इसे 7 अक्टूबर को शाम छह बजे तक पूरा किया जाना चाहिए। अगर अभ्यर्थी प्राथमिकता सूची नहीं भरता है तो पहले वाली सूची पर विचार किया जायेगा। सीटों का आबंटन सीएलएटी की रैंक और प्राथमिकता सूची के आधार पर होता है। इसलिए छात्रों को यह समझना होगा कि यह कैसे काम करता है। मैंने सबसे अंत में इसे विस्तार से समझाया है। सीएलएटी ने छात्रों को सलाह दी थी कि कि वे प्राथमिकता सूची में कम से कम पांच एनएलयू के नाम दें, लेकिन ऐसा करना बाध्यता नहेीं है। अभ्यर्थियों के नाम पर सिर्फ उन्हीं एनएलयूज के लिेये विचार किया जायेगा जो सूची में उनका रैंक है।

  • 9 अक्टूबर (सुबह 10बजे) – पहली सूची प्रकाशित होगी। इस सूची में उन अभ्यर्थियों के नाम होंगे जिन्हें पली सूची में सीट आबंटित कर दी गयी है। सूची में शामिल छात्र उन्हीं में से होंगे जिन्होंने पंजीकरण शुक्ल का भुगतान करके काउन्सलिंग की प्रक्रिया के लिये पंजीकरण कराया है। यह सूची अभ्यर्थी के सीएलएटी लॉगइन पेज पर प्रदर्शित की जायेगी और पहली सूची की पीडीएफ फाइल भी प्रकाशित किये जाने की काफी संभावना है।

  • अक्टूबर 9 (सुबह 10 बजे) से अक्टूबर 10 (सुबह 10 बजे) पहली सूची में शामिल सभी छात्रों को तीन विकल्पों के बारे में बहुत तत्परता से निर्णय लेना होगा।

  • अक्टूबर 11- दूसरी मेरिट सूची प्रकाशित होगी।

  • 11 अक्टूबर (शाम छह बजे) से 12 अक्टूबर (शाम छह बजे) काउन्सलिंग प्रक्रिया से बाहर निकलने का निर्णय लेने वाले और पहली सूची में शामिल अभ्यर्थियों की संख्या के आधार पर इसके बाद रैंक सूची में शामिल अभ्यर्थी को एनएलयू में (लॉकिंग/अपग्रेडिंग/बाहर निकलने) प्रवेश लेने का अवसर मिलेगा। पहली सूची के बाद अपनायी गयी प्रक्रिया ही इसमें भी अपनायी जायेगी।

  • 14 अक्टूबर तीसरी मेरिट सूची का प्रकाशन होगा।

  • 14 अक्टूबर (सुबह 10 बजे) से अक्टूबर 15 (शाम छह बजे) अन्यू सूचियों के बारे में भी वही प्रक्रिया अपनायी जायेगी।

क. सीट रोकना

इस विकल्प का चयन करके आप आबंटित सीट स्वीकार करने की सहमति देते हैं। इसके बाद किसी अन्य बदलाव पर विचार नहीं किया जायेगा। अभ्यथी को उच्च विकल्प के लिये अपग्रेड नहीं किया जायेगा, चाहें बाद में ही रिक्त स्थान क्यों नहीं उपलब्ध हो। अभ्यर्थी को अपने सारे जरूरी दस्तावेज अपलोड करने होंगे और आबंटित एनएलयू को आवश्यक शुल्क का भुगतान करना होगा।

ख. अपग्रेड के लिये आवेदन

अपग्रेड विकल्प चुनने वाले छात्रों को भी आबंटित विश्वविद्यालय को देय शुल्क का भुगतान करना होगा और निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार अपने दस्तावेज अपलोड करने होंगे। सिर्फ उन्हीं अभ्यर्थियों के नाम पर अपग्रेड के लिये विचारकिया जायेगा जिन्होंने प्रवेश ले लिया हो और आवश्यक शुल्क जमा करने के साथ ही आबंटित एनएलयू में अपने दस्तावेज अपलोड कर दिये होंगे। जिन अभ्यर्थियों ने अपग्रेड का चयन किया है उनकी मौजूदा सीट लॉक कर दी जायेगी और किसी उच्च प्राथमिकता वाली एनएलयूज में कोई रिक्त स्थान होने पर उसे उन्हें आबंटित करने पर विचार किया जायेगा।

ग. सीएलएटी की प्रवेश प्रक्रिया से बाहर निकलना

अगर आप इस विकल्प का चयन करते हैं तो आप सीएलएटी कंसोर्टियम से किसी भी सीट के आबंटनके लिये अपना दावा गंवा देते हैं। आप अपनी वर्तमान सीट गंवा देंगे और इसके बाद की सूचियों के लिये भी आपके नाम पर विचार नहीं होगा।

नोट- यदि आप निर्धारित समय के भीतर उपरोक्त विकल्पों में से किसी का भी चयन नहीं करते हैं तो यह माना जायेगा कि आपकी प्रवेश प्रक्रिया में दिलचस्पी नहीं है और प्रवेश के लिये आपके नाम पर विचार नहीं किया जायेगा। आप अपनी वर्तमान सीट गंवा देंगे और काउन्सलिंग प्रक्रिया से आपका नाम हटा दिया जायेगा और बाद की सूचियों में भी इस पर विचार नहीं किया जायेगा। जिन अभ्यर्थियों को पहली सूची में आबंटन नहीं मिला, उन्हें दूसरी सूची और तीसरी सूची की प्रतीक्षा करनी होगी।

अगर किसी अभ्यर्थी का नाम एक एनएलयू में था और वह काउन्सलिंग प्रक्रिया से निकल गया तो उसे 40,000 रूपए वापस किये जायेंगे। जिन छात्रों ने काउन्सलिंग प्रक्रिया के लिये 50,000 रूपए का भुगतान किया लेकिन तीसरी सूची तक उन्हें कोई सीट आबंटित नहीं हुयी तो वे पूरी धनराशि वापस पा सकेंगे।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि बाहर निकलने का विकल्प सिर्फ उसी स्थिति में अपनाना चाहिए जब उसे यह विश्वास हो कि उसे अपेक्षित एनएलयू में प्रवेश नहीं मिलेगा। किसी भी संभावित अपग्रेड को स्वीकार नहीं करने के बारे में आश्वस्त होने पर अभ्यर्थी को अपना विकल्प लॉक करना चाहिए। कई संभावित अभ्यर्थी (लाभ प्राप्त करने के लिये जानबूझकर) अफवाह फैलाते हैं कि अर आप सीट लॉक नहीं करेंगे और अपग्रेड नही करायेंगे तो आप अपनी आबंटित एनएलयू की सीट गंवा देंगे। यह कुछ लोगों की आपको गुमराह करने की बहुत ही सुनियोजत योजना है। एक बार एनएलयू का आबंटन हो जाने पर अभ्यर्थी के लिये कम से कम सौ प्रतिशत यह पक्की होती है भले ही आप अपग्रेड कराने के विकल्प का भी चयन करें।

वास्तविकता तो यह है कि कंसोर्टियम पहली सूची में आबंटित एनएलयू में आपको पूरी फीस का भुगतान करने और प्रवेश प्रकिया पूरी करने के लिेये कहेगी, भले ही आप अपग्रेड कराने का विकल्प भी चुन लें। अगर आप महसूस करते हैं कि अधिक प्राथमिकता वाली एनएलयू में अपग्रेड होना असंभव है या जो आपने भरा था वह गलत था और इस समय आबंटित एनएलयू ही आपके लिये सबसे उपयुक्त तो आपको सीट लॉक करने के विकल्प का इस्तेमाल करना चाहिए।

अपग्रेड के विकल्प का चयन उसी स्थिति में करना चाहिए जब कोई यह निर्णय लेता है कि अगर अवसर मिला तो वह दूसरी अधिक प्राथमिकता वाले एनएलयू में अपग्रेड का इच्छुक है। ऐसी स्थिति में आपकी पूरी फीस पहली सूची के बारे में जिस एनएलयू में प्रवेश लिया है वहों से दूसरे एनएलयू में हस्तांतरित कर दी जायेगी। अगर अभ्यर्थी को तीसरा अपग्रेड मिलता है तो भी यह हस्तांरण होगा।

आबंटित एनएलयू में प्रवेश प्रक्रिया

आपको जब एक एनएलयू का आवंटन हो जाता है तो आपको सिर्फ उसी एनएलयू से सारे निर्देश प्राप्त करने होंगे। इसका विस्तृत ब्यौरा संबंधित बेवसाइट पर उपलब्ध कराया जायेगा। किसी भी एनएलयू में एक बार आबंटन हो जाने के बाद दो महत्वपूर्ण प्रक्रियायें होती हैं। पहला तो निर्धारित समय सीमा के भीतर पहले सेमेस्टर की फीस का भुगतान (इस समय वार्षिक शुक्ल नहीं) काउन्सलिंग शुल्क के 50,000 रूपए इसमें समायोजित किये जायेंगे। दूसरी बात, निर्धारित समय सीमा के भीतर सभी जरूरी दस्तावेज अपलोड किये जाने चाहिए।

प्राथमिकता सूची कैसे भरें

अभ्यर्थियों के लिये यह समझना बहुत जरूरी है कि सीटों के आवंटन में प्राथमिकता सूची और रैंक का कैसा योगदान होता है।

लेकिन, इस बार, कटऑफ की अनुमानित सीमा के बारे मे जानना बहुत जरूरी है।इस पेज पर 2019 के लिये सभी एनएलयू की कटऑफ का विवरण उपलब्ध है।

अगर आपके पास कोई उचित लाभ की स्थिति या परेशानी नहीं हो तो आप इस प्राथमिकता सूची को अपना सकते हैं।

1. एनएलएसआईयू, बेंगलुरू

2. एनएएलएसएआर, हैदराबाद

3. डब्लूबीएनपीजेएस, कोलकाता,

4/5एनएलआईयू, भोपाल-एनएलयू जोधपुर

6. जीएनएलयू गांधीनगर

7-8-9 आरजीएनएलयू, पटियाला, एचएनएलयू रायपुर, आरएमएल एनएलयू, लखनऊ

10एनएलयू ओडिशा

11 एमएनएलयू , मुंबई

12-13 एनयूएसआरएल रांची, एनयूएएलएस, कोच्चिं

14 सीएनएलयू पटना

यदि आप बड़े अंतर के साथ सामान्य रैंकिंग से हटना चाहते हं तो आपके पास इसके लिये ठोस वजह होनी चाहिए। उदाहरण के लिये, भोपाल के एक छात्र के पास सामान्य रैंकिग से हटने की बहुत ही वैध वजह हो सकती है। मान लीजिये, उसकी रैंक 23 है। इस मामले में वह एनएलआईयू, भोपाल को पहली प्राथमिकता भर सकता हैँ(अन्यथा उसे एनएलएसआईयू मिलेगी और बाद में इसमें बदलाव नहीं हो सकता है) और इसके बाद सामान्य रैंकिगआयेगी।

मैं एनएलयू और दूसरे कालेजों की रैंकिंग के बारे में जल्दी ही एक और बहुत ही उपयोगी और प्रमाणित निर्देशिका प्रकाशित करूंगा।

यदि आप कुछ एनएलयूज और कालेजों की निकट की रैंकिंग को लेकर भ्रमित हैं तो उचित तरीके से शोध कीजिये। प्रत्येक कालेज का प्लेसमेंट डाटा सहजता से उपलब्ध है। गूगल पर मिल जायेगी। आप ‘रजनीश सिंह एनएलयू रैंकिंग’ गूगल कीजिये और आपको सीएलएटी की लोकप्रियता के सूचकांक पर मेरे लेख मिल जायेंगे। मेरी रैंकिंग इसके काफी नजदीक थी। आप एनएलयूज की वेबसाइट पर जा सके हैं। एनएलयू छात्र भी जानकारी का अच्छा स्रोत हो सकते हैं लेकिन उनलोगों से सलाह लेने से बचें जो एनएलयू की आलोचना करते हैं। आप एनएलयू की अच्छाई को ग्रहण करने का प्रयास कीजिये। निश्चित ही वे भी अपने कालेज को आगे ले जाने का प्रयास करेंगे लेकिन आप सच्चाई का पता लगा सकते हैं।

किसी भी कॉलेज की रैंकिंग के मामले में ये पांच प्रमुख मानक है

1. छात्रों की विशेषता (औसत सीएलएटी रैंक)

2. प्लेसमेंट

3. बुनियादी सुविधायें (कालेजों की वेबसाइट)

4. फैकल्टी (सही जानकारी मिलना मुश्किल है लेकिन कुछ तटस्थ लोगों से जानकारी ली जा सकती है)

5.कुलपति/ निदेशक और प्रशासन

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CLAT 2020: New counselling guidelines, how to fill preference lists, and more

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