राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, दिल्ली के अनुसंधान संगठन प्रोजेक्ट 39ए की एक रिपोर्ट पर प्रकाश डाला गया कि देशभर की ट्रायल कोर्ट ने वर्ष 2021 में 144 मौत की सजा सुनाई, जो 2020 में COVID-19 महामारी के पहले वर्ष के दौरान लगाई गई 77 मौत की सजा से लगभग दोगुनी है।
2020 तक, निचली अदालतों में मृत्युदंड की सजा पर यौन अपराध हावी रहे, जिसमें 54.21% मामले यौन अपराधों से जुड़े मौत की सजा का कारण बने।
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि 2021 में ट्रायल कोर्ट द्वारा मौत की सजा की उच्च संख्या ने देश में मौत की सजा की कुल आबादी को 488 तक ले लिया है, जो 2020 से लगभग 21 प्रतिशत अधिक है।
यह वर्ष 2004 के बाद से भारत में सबसे ज्यादा मौत की सजा पाने वाली आबादी भी है।
उत्तर प्रदेश (34), बिहार (27), तमिलनाडु (15), आंध्र प्रदेश (13) और ओडिशा (9), 5 राज्य जहां 2021 में सबसे अधिक मौत की सजा दी गई थी।
31 दिसंबर, 2021 तक सबसे अधिक मृत्यु दर वाले 5 राज्य उत्तर प्रदेश (86), महाराष्ट्र (41), पश्चिम बंगाल (38), बिहार (37) और मध्य प्रदेश (37) थे।
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144 death sentences handed down by trial courts in 2021; 54 percent cases involved sexual offences