अग्निपथ योजना की संवैधानिक वैधता को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक जनहित याचिका (PIL) याचिका दायर की गई है, जिसमें युवाओं को चार साल के लिए सेना में शामिल करने का प्रस्ताव है। [मनोहर लाल शर्मा बनाम भारत संघ]।
अधिवक्ता एमएल शर्मा द्वारा दायर याचिका में योजना की घोषणा करने वाले रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी 14 जून, 2022 की अधिसूचना को रद्द करने की प्रार्थना की गई है।
याचिका में कहा गया है कि अग्निवीर योजना के तहत 4 साल बाद चयनित उम्मीदवारों में से केवल 25 प्रतिशत भारतीय सेना में बने रहेंगे जबकि बाकी सशस्त्र बलों में सेवानिवृत्त/अस्वीकार किए जाएंगे।
यह प्रस्तुत किया गया "4 साल के दौरान उन्हें वेतन और भत्ते का भुगतान किया जाएगा लेकिन 4 साल बाद वंचित उम्मीदवार को कोई पेंशन आदि नहीं मिलेगी।"
याचिका में कहा गया है कि इस योजना के कारण पूरे देश में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए हैं।
शर्मा ने प्रस्तुत किया कि यह योजना संसद की मंजूरी के बिना और बिना गजट अधिसूचना के देश पर लागू की गई है।
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Agnipath scheme challenged before Supreme Court by ML Sharma