इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सोमवार को इस बात पर नाराजगी व्यक्त की कि हरदोई के जिला कलेक्टर/जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) मंगला प्रसाद सिंह का मोबाइल फोन कार्य समय के दौरान बंद रहता है।
न्यायमूर्ति अब्दुल मोइन ने कल इस मुद्दे पर ध्यान दिया, जब राज्य के स्थायी वकील द्वारा मोबाइल फोन पर संपर्क किए जाने पर डीएम से संपर्क नहीं हो पाया।
राज्य के वकील को विस्फोटक लाइसेंस के नवीनीकरण में देरी से संबंधित एक मामले में डीएम से इनपुट प्राप्त करने के लिए सोमवार सुबह निर्देश दिया गया था।
हालांकि, उसी दिन दोपहर 2.30 बजे वकील ने अदालत को सूचित किया कि जिला मजिस्ट्रेट से उनके मोबाइल नंबर पर संपर्क नहीं किया जा सका, क्योंकि वह बंद था।
अदालत ने अफसोस जताते हुए कहा, "यह वास्तव में दुखद स्थिति है कि जिले के मुखिया का मोबाइल फोन बंद होने के बावजूद वह काम कर रहे हैं। यह समझ में नहीं आ रहा है कि किन परिस्थितियों में उनका मोबाइल फोन बंद किया गया है, जिसके परिणामस्वरूप किसी भी आपात स्थिति में जिले के मुखिया जिला मजिस्ट्रेट से कैसे संपर्क किया जा सकता है।"
न्यायालय विस्फोटक लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए मंजूरी मिलने में लगभग आठ महीने की देरी की शिकायत करने वाली याचिका पर सुनवाई कर रहा था।
न्यायालय को बताया गया कि नवीनीकरण आवेदन फरवरी 2024 में दायर किया गया था, लेकिन सक्षम प्राधिकारी, अर्थात् हरदोई के डीएम से आज तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।
सुनवाई के दौरान न्यायालय ने राज्य के वकील से संबंधित डीएम से निर्देश प्राप्त करने को कहा।
हालांकि, चूंकि डीएम से मोबाइल फोन पर संपर्क नहीं हो पा रहा था, इसलिए न्यायालय ने अधिकारी को अगले दिन (आज) अपने समक्ष उपस्थित होने और यह बताने के लिए बुलाया कि उनसे संपर्क क्यों नहीं हो सका।
डीएम से यह भी पूछा गया कि याचिकाकर्ता के विस्फोटक लाइसेंस का नवीनीकरण अब तक क्यों नहीं किया गया, जबकि इसके लिए फरवरी 2024 में ही आवेदन किया गया था।
डीएम को इन प्रश्नों का उत्तर देने के लिए आज न्यायालय के समक्ष उपस्थित होने का आदेश दिया गया।
याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता विकास शर्मा उपस्थित हुए।
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Allahabad High Court irked on finding District Collector's phone switched off during work hours