
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी एक अधिसूचना पर रोक लगा दी, जिसके तहत शैक्षणिक वर्ष 2024-25 से एमबीबीएस पाठ्यक्रम की फीस बढ़ाकर 14.14 लाख रुपये कर दी गई थी।
न्यायमूर्ति चंद्र धारी सिंह ने 5 जुलाई की उस अधिसूचना पर रोक लगा दी जिसके तहत एमबीबीएस पाठ्यक्रम की ट्यूशन फीस ₹11.78 लाख से बढ़ाकर ₹14.14 लाख कर दी गई थी।
न्यायालय ने निर्देश दिया, "मेरा विचार है कि मामले पर विचार किए जाने की आवश्यकता है। सभी प्रतिवादियों का प्रतिनिधित्व उनके संबंधित वकील कर रहे हैं। उन्हें दो सप्ताह के भीतर संक्षिप्त जवाबी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया जाता है। यदि कोई प्रत्युत्तर हलफनामा हो, तो उसे उसके एक सप्ताह के भीतर दाखिल किया जाए। इसे 17.09.2025 को नए सिरे से प्रस्तुत किया जाए। तब तक, 05.07.2025 की विवादित अधिसूचना के क्रियान्वयन को स्थगित रखा जाएगा।"
यह आदेश 240 एमबीबीएस छात्रों द्वारा 5 जुलाई की अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिका पर पारित किया गया।
यह तर्क दिया गया कि यह वृद्धि मनमाना है, उत्तर प्रदेश निजी व्यावसायिक शिक्षण संस्थान (प्रवेश विनियमन एवं शुल्क निर्धारण) अधिनियम, 2006 की धारा 10 के विपरीत है और विविध शुल्कों में पहले की गई वृद्धि के बावजूद इसे मध्य सत्र में लागू किया गया था।
याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि उन्हें मूल विवरणिका में दिए गए शुल्क ढांचे के आधार पर प्रवेश दिया गया था और आठ महीनों के भीतर अचानक दूसरी वृद्धि से उन्हें अनावश्यक वित्तीय कठिनाई हुई।
यह भी आरोप लगाया गया कि शुल्क नियामक समिति ने मामले पर पूरी तरह विचार किए बिना, संस्थान द्वारा प्राप्त न्यायालय के आदेश पर ही कार्रवाई की।
राज्य ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि समिति की सिफारिश पर राज्यपाल द्वारा शुल्क वृद्धि को विधिसम्मत रूप से अनुमोदित किया गया था और समिति का गठन 2006 के अधिनियम की धारा 4 के अनुसार विधिवत किया गया था।
न्यायालय ने कहा कि इस मामले पर विचार की आवश्यकता है और राज्य तथा अन्य प्रतिवादियों को दो सप्ताह के भीतर प्रति-शपथपत्र दाखिल करने का निर्देश दिया। साथ ही, अगली सुनवाई 17 सितंबर तक अधिसूचना के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी।
याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता निपुण सिंह और सुमित सूरी उपस्थित हुए।
राज्य सरकार की ओर से सरकारी वकील संतोष कुमार सिंह उपस्थित हुए।
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Allahabad High Court stays UP government notification raising MBBS fees