आबकारी नीति घोटाले मामले में दिल्ली की अदालत में पेश हुए अरविंद केजरीवाल [वीडियो देखें]

मजिस्ट्रेट के समक्ष ईडी की शिकायत पर कार्यवाही पर रोक लगाने के लिए दिल्ली के सीएम की याचिका को सत्र न्यायालय ने 15 मार्च को खारिज कर दिया था।
Arvind Kejriwal
Arvind Kejriwal

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली आबकारी नीति घोटाले के संबंध में समन का पालन नहीं करने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दायर शिकायत मामले में शनिवार को दिल्ली की एक अदालत के समक्ष पेश हुए।

केजरीवाल राउज एवेन्यू अदालत की अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) दिव्या मल्होत्रा के समक्ष पेश हुए, जिन्होंने उनके खिलाफ समन जारी किया था।

इसके बाद उन्हें अदालत के वारंट के संबंध में जमानत दे दी गई, जो ₹15,000 का मुचलका और इतनी ही राशि की जमानत देने के अधीन थी।

ईडी ने शुरू में अदालत का रुख करते हुए कहा था कि मुख्यमंत्री दिल्ली आबकारी नीति घोटाले के संबंध में उसके समन का जवाब नहीं दे रहे हैं।

एजेंसी ने केजरीवाल को धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत सम्मन जारी किए जाने के बावजूद जांच में शामिल होने में बार-बार विफल रहने पर उनके खिलाफ शिकायत दर्ज की।

जब वह अदालत में पेश नहीं हुए तो अदालत ने उनके खिलाफ वारंट जारी किया।

गौरतलब है कि 17 फरवरी को केजरीवाल डिजिटल कॉन्फ्रेंस के जरिए एसीएमएम के समक्ष कार्यवाही में शामिल हुए थे और कहा था कि वह 16 मार्च को व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश होंगे।

हालांकि, सुनवाई से दो दिन पहले केजरीवाल ने एसीएमएम के दोनों आदेशों को चुनौती देते हुए सत्र अदालत के समक्ष याचिकाएं दायर कीं, जिनके द्वारा ईडी द्वारा दायर शिकायतों पर उन्हें समन जारी किया गया था।

सत्र अदालत ने शुक्रवार को केजरीवाल की याचिका खारिज कर दी, जिसके बाद वह शनिवार को मजिस्ट्रेट अदालत के समक्ष पेश हुए।

आज जब मामला सुनवाई के लिए आया तो केजरीवाल ने जमानत की मांग की।

केजरीवाल की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता रमेश गुप्ता ने कहा, 'अदालत मुचलके पर आदेश पारित कर सकती है ताकि वह पद छोड़ सकें और हम फिर आगे बढ़ सकें

कोर्ट ने अनुरोध स्वीकार कर लिया।

इसके बाद ईडी द्वारा इसके खिलाफ जारी समन से संबंधित याचिका पर सुनवाई शुरू हुई।

अदालत ने सीआरपीसी की धारा 207 के तहत दस्तावेजों की आपूर्ति के केजरीवाल के आवेदन पर सुनवाई के लिए एक अप्रैल की तारीख तय की।

ईडी की मनी लॉन्ड्रिंग जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा 17 अगस्त, 2022 को 2021-22 के लिए दिल्ली आबकारी नीति में कथित अनियमितताओं के संबंध में दर्ज एक मामले से उपजी है। 

20 जुलाई, 2022 को उपराज्यपाल वीके सक्सेना द्वारा की गई शिकायत पर सीबीआई का मामला दर्ज किया गया था। 

ईडी ने बाद में 22 अगस्त, 2022 को आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के कोण पर मामला दर्ज किया।

आरोप है कि नीति तैयार होने के चरण के दौरान पूर्व उपमुख्यमंत्री सिसोदिया और अन्य अज्ञात निजी व्यक्तियों/संस्थाओं सहित आप नेताओं ने आपराधिक साजिश रची।

यह आरोप लगाया गया है कि साजिश कुछ खामियों से उपजी है जो "जानबूझकर" छोड़ दी गई हैं या नीति में बनाई गई हैं। ये कथित तौर पर निविदा प्रक्रिया के बाद कुछ लाइसेंसधारियों और साजिशकर्ताओं को फायदा पहुंचाने के लिए थे।

केंद्रीय एजेंसियों के मुताबिक दक्षिण भारत के शराब कारोबार में कुछ लोगों द्वारा आप के कुछ जनसेवकों को हवाला चैनलों के जरिए रिश्वत दी गई ताकि शराब निर्माताओं, थोक विक्रेताओं और खुदरा विक्रेताओं के बीच 'एकाधिकार और गुटबंदी' के उद्देश्यों को पूरा किया जा सके।

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Arvind Kejriwal appears before Delhi Court in Excise Policy Scam [WATCH VIDEO]

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