बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को जूनियर वकीलों के लिए वजीफा मांगने वाली एक जनहित याचिका (PIL) याचिका पर बार काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र एंड गोवा को नोटिस जारी किया।
बॉम्बे हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस एमएस कार्णिक की खंडपीठ ने बार काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र एंड गोवा और एडवोकेट्स वेलफेयर फंड ट्रस्ट कमेटी और महाराष्ट्र राज्य से 14 मार्च तक जवाब मांगा।
युवा वकीलों अजीत देशपांडे, अक्षय देसाई और अन्य द्वारा दायर याचिका में प्रति माह ₹5,000 के वजीफे के लिए प्रार्थना की गई है।
यह जनहित याचिका अधिवक्ता आसिम सरोदे, अजिंक्य उडाने, स्मिता सिंघलकर, मदन कुरहे और ट्रुनाल टोनपे के माध्यम से दायर की गई थी।
याचिका में कहा गया है कि कनिष्ठ वकील कोविड -19 महामारी और उसके साथ लगे लॉकडाउन से आर्थिक रूप से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।
नए वकीलों को अपने शुरुआती वर्षों के अभ्यास में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
उपरोक्त के मद्देनजर याचिका में प्रार्थना की गई है कि बार काउंसिल और राज्य सरकार राज्य भर के सभी कनिष्ठ वकीलों को सहायता प्रदान करे।
याचिका में कहा गया है कि दिल्ली, तमिलनाडु, केरल, झारखंड और आंध्र प्रदेश सहित देश भर के विभिन्न उच्च न्यायालयों ने पहले ही संबंधित अधिकारियों को कनिष्ठ वकीलों को मौद्रिक सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया है।
अधिवक्ता सरोदे ने तर्क दिया कि बार काउंसिल के पास पर्याप्त धन उपलब्ध है और इसका उपयोग युवा वकीलों के लिए वजीफा जैसे उचित उद्देश्य के लिए किया जाना चाहिए।
मामले की फिर से सुनवाई 14 मार्च को होगी।
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