बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को दो पुलिस आयुक्तों को जनवरी 2024 की मीरा रोड हिंसा के संबंध में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधान सभा सदस्यों (विधायकों) नितेश राणे, गीता जैन और टी राजा सिंह द्वारा दिए गए भाषणों के वीडियो की व्यक्तिगत रूप से जांच करने का आदेश दिया।
न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति मंजूषा देशपांडे की पीठ ने टिप्पणी की कि भाषण प्रतिलेख से प्रथम दृष्टया पता चलता है कि कोई अपराध किया गया है।
कोर्ट ने कहा कि हालांकि, किसी भी पक्षपात या राजनीतिक दबाव से बचने के लिए, यह सबसे अच्छा है कि पुलिस आयुक्त व्यक्तिगत रूप से भाषणों के वीडियो और प्रतिलिपि की जांच करें।
याचिकाकर्ताओं ने यह भी बताया कि राणे ने मीरा-भायंदर में पुलिस आयुक्त के कार्यालय से एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी, जिसे अदालत ने अस्वीकार्य पाया।
बेंच ने टिप्पणी की, “आगे से पुलिस परिसर का इस्तेमाल ऐसे आयोजनों के लिए नहीं किया जाना चाहिए। इससे नागरिकों का पुलिस के प्रति विश्वास और पुलिस के निष्पक्ष होने का भरोसा भी कम हो जाएगा।''
मीरा रोड हिंसा के दो पीड़ितों सहित मुंबई के पांच निवासियों ने एक याचिका के साथ उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया कि पुलिस ने तीन नेताओं के खिलाफ कोई प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज नहीं की थी।
याचिका में इस बात पर भी प्रकाश डाला गया कि राणे ने गोवंडी और मालवणी जैसे अन्य उपनगरों का दौरा किया और अधिक नफरत भरे भाषण दिए।
जब स्थानीय नागरिकों ने विधायकों के खिलाफ कार्रवाई के लिए पुलिस से संपर्क किया, तो पुलिस ने कथित तौर पर कार्यक्रम के आयोजकों के खिलाफ आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 188 (लोक सेवक के आदेश की जानबूझकर अवज्ञा) के तहत अपराध के लिए प्राथमिकी दर्ज की थी।
नाराज होकर कोर्ट ने टिप्पणी की कि ऐसी एफआईआर से पुलिस की प्रतिष्ठा ही कम होती है, क्योंकि इससे यह संकेत मिलता है कि कोई भी रैली कर सकता है और कुछ भी कह सकता है।
राज्य सरकार के मुख्य लोक अभियोजक हितेन वेनेगांवकर ने जवाब दिया कि ऐसी सांस्कृतिक रैलियां, जैसे कि राम नवमी पर हर साल आयोजित की जाती हैं, को नियंत्रित करना और प्रबंधित करना मुश्किल था।
हालांकि, कोर्ट ने पुलिस को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि आगामी 17 अप्रैल को रामनवमी त्योहार के दौरान कोई अप्रिय घटना न हो।
याचिका 15 अप्रैल को सुनवाई के लिए पोस्ट की गई है।
वरिष्ठ अधिवक्ता गीता सिंह याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता विजय हीरेमथ और हमजा लकड़ावाला के साथ उपस्थित हुईं।
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