बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाल ही में निवेशकों को आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) के जरिए शेयर जारी करने के लिए भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) द्वारा दायर ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (डीआरएचपी) पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। [चारुदत्त चांगदेव पवार और अन्य बनाम भारत संघ और अन्य]
एलआईसी द्वारा आगामी सार्वजनिक पेशकश और जनता को शेयर जारी करने को चुनौती देने वाली एलआईसी के तीन पॉलिसीधारकों द्वारा दायर एक याचिका में यह आदेश आया है। इसने वित्त अधिनियम के तहत उस हिस्से को चुनौती दी जिसमें एलआईसी अधिनियम में संशोधन करने की मांग की गई थी।
DRHP पर रोक लगाने के लिए एक विज्ञापन-अंतरिम प्रार्थना थी, जिसे जस्टिस गौतम पटेल और जस्टिस माधव जामदार की बेंच ने खारिज कर दिया।
पीठ ने हालांकि स्पष्ट किया कि कोई भी सार्वजनिक मुद्दा जो एलआईसी अब और रिट याचिका के निपटारे तक आगे बढ़ता है, रिट याचिका में अंतिम निर्णय के अधीन होगा।
केंद्र सरकार आईपीओ के जरिए कंपनी में अपनी 5 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रही है।
रिपोर्ट के अनुसार, शुद्ध निर्गम का 50% योग्य संस्थागत खरीदारों के लिए आरक्षित है और गैर-संस्थागत खरीदारों के पास 15% शेयर आवंटन होगा।
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