बॉम्बे हाईकोर्ट ने लोकसभा चुनाव में जीत के खिलाफ चुनाव याचिका पर भाजपा सांसद नारायण राणे से जवाब मांगा

पूर्व केंद्रीय मंत्री राणे ने शिवसेना (यूबीटी) उम्मीदवार विनायक राउत के खिलाफ 47,858 मतों से लोकसभा सीट जीती थी।
Narayan Rane and Bombay HC
Narayan Rane and Bombay HC Source: Facebook
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बॉम्बे हाईकोर्ट ने शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद नारायण राणे को रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा चुनाव में उनकी जीत को चुनौती देने वाली चुनाव याचिका पर सम्मन जारी किया।

चुनाव याचिका शिवसेना (उद्धव गुट) के उम्मीदवार विनायक राउत ने दायर की है, जिन्होंने राणे पर चुनाव प्रचार के दौरान आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाया है।

न्यायमूर्ति सारंग कोतवाल ने आज संक्षिप्त सुनवाई के बाद राणे और अन्य प्रतिवादियों से जवाब मांगा और मामले को 12 सितंबर को विचार के लिए सूचीबद्ध किया।

अदालत ने कहा, "आरपी [जनप्रतिनिधित्व] अधिनियम के नियमों के अनुरूप सभी प्रतिवादियों को समन जारी करें।"

Justice Sarang Kotwal
Justice Sarang Kotwal

न्यायालय के समक्ष तर्क दिया गया कि एक गांव में भाषण दिया गया था कि सभी को राणे को वोट देना चाहिए, अन्यथा उन्हें ग्राम पंचायत के लिए धन नहीं मिलेगा।

याचिकाकर्ता ने प्रार्थना की है कि राणे का चुनाव रद्द किया जाए और नए सिरे से चुनाव कराए जाएं।

राणे ने शिवसेना (यूबीटी) के उम्मीदवार राउत के खिलाफ 47,858 मतों से लोकसभा सीट जीती थी।

राउत ने अधिवक्ता असीम सरोदे के माध्यम से दायर याचिका में यह भी आरोप लगाया है कि राणे के राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने मतदाताओं पर सक्रिय रूप से और खुले तौर पर दबाव डाला और वोट के बदले पैसे बांटकर उन्हें लुभाया।

राउत ने तर्क दिया है कि "उम्मीदवार या उसके एजेंट या उम्मीदवार या उसके चुनाव एजेंट का प्रतिनिधित्व करने वाले किसी अन्य व्यक्ति द्वारा मतदाताओं को रिश्वत देना चुनाव प्रक्रिया में अवैधता और भ्रष्टाचार के बराबर है और यह जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 123 का उल्लंघन है और इसके तहत दंडनीय है।"

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Bombay High Court seeks response of BJP MP Narayan Rane on election petition against Lok Sabha win

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