इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने प्रधानमंत्री (पीएम) नरेंद्र मोदी और भारत के चुनाव आयोग से अनुरोध किया है कि वे बढ़ते कोविड -19 मामलों को देखते हुए आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को स्थगित करने के विकल्प का पता लगाएं।
एकल-न्यायाधीश न्यायमूर्ति शेखर यादव ने चुनाव और राजनीतिक रैलियों को स्थगित करने पर निर्णय लेने के लिए पीएम और ईसीआई से अनुरोध करते हुए कहा "जान है तो जहान है"।
कोर्ट ने कहा, "यूपी में होने वाले विधानसभा चुनाव में जनता को कोरोना की तीसरी लहर से बचाने के लिए राजनीतिक दलों की चुनावी रैलियों पर रोक लगनी चाहिए। उन्हें टीवी और समाचार पत्रों के माध्यम से प्रचार करने के लिए कहा जाना चाहिए। उन्हें पार्टियों की चुनावी सभाओं और रैलियों को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने चाहिए। चुनाव टालने पर भी विचार करें क्योंकि जान है तो जहान है।"
अदालत ने संजय यादव नाम के एक व्यक्ति को जमानत देते हुए ये टिप्पणियां कीं।
न्यायालय ने अदालत परिसर के भीतर बड़ी सभा के बारे में अपनी आशंका व्यक्त करते हुए कहा कि "कोई सामाजिक दूरी नहीं है और नए ओमिक्रोन वेरिएंट के कारण तीसरी लहर की संभावना हो सकती है"।
न्यायमूर्ति यादव ने भारत जैसे विशाल आबादी वाले देश में "मुफ्त टीकाकरण" की दिशा में अपने प्रयासों के लिए पीएम मोदी की पहल की भी प्रशंसा की।
आदेश मे कोविड टीकाकरण पर कहा, "वह प्रशंसनीय हैं और अदालत उनकी प्रशंसा करती है। अदालत ने प्रधानमंत्री से इस भयानक महामारी की स्थिति को देखते हुए सख्त कदम उठाने का अनुरोध किया है। रैलियों, सभाओं और आगामी चुनावों को रोकने और स्थगित करने पर विचार करें क्योंकि यदि जान है तो जहान है।"
अदालत ने निर्देश दिया कि आदेश की एक प्रति इलाहाबाद उच्च न्यायालय के महापंजीयक, चुनाव आयोग और केंद्र सरकार को भेजी जाए।
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[BREAKING] Consider postponing UP elections: Allahabad High Court to Election Commission, PM Modi