पश्चिम बंगाल की एक विशेष अदालत ने मंगलवार को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पूर्व प्राचार्य डॉ. संदीप घोष को कॉलेज में कथित वित्तीय अनियमितताओं से संबंधित मामले में 23 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
डॉ. घोष को 2 सितंबर को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था, जब कलकत्ता उच्च न्यायालय ने 23 अगस्त को सीबीआई को आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच करने का आदेश दिया था, जहां हाल ही में एक रेजिडेंट डॉक्टर बलात्कार के बाद मृत पाया गया था।
आरजी कर अस्पताल के पूर्व उप अधीक्षक अख्तर अली ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि डॉ. घोष ने प्रिंसिपल रहते हुए गंभीर अनियमितताएं की थीं, जिसके बाद उच्च न्यायालय ने जांच का आदेश दिया था।
इसके बाद डॉ. घोष ने उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए सर्वोच्च न्यायालय का रुख किया, लेकिन 6 सितंबर को इसे खारिज कर दिया गया।
बलात्कार और हत्या की घटना के बाद डॉ. घोष नकारात्मक प्रेस के निशाने पर रहे हैं, जिससे देश भर में आक्रोश और विरोध प्रदर्शन भड़क उठे।
पीड़िता को दोषी ठहराने के आरोपों के बीच घोष ने बाद में पद छोड़ दिया।
हालांकि, उन्हें तुरंत दूसरे कॉलेज का प्रिंसिपल बना दिया गया।
इससे कड़ी प्रतिक्रिया हुई और कलकत्ता उच्च न्यायालय ने घोष को इस्तीफा देने के कुछ ही घंटों बाद एक नए पद से "पुरस्कृत" करने के राज्य के फैसले पर कड़ी फटकार लगाई।
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CBI court sends RG Kar ex-principal Dr. Sandip Ghosh to judicial custody