गाजियाबाद कोर्ट में वकीलों और पुलिस के बीच झड़प, पुलिस चौकी में आगजनी

गुस्साए वकीलों ने पुलिस लाठीचार्ज के जवाब में अदालत परिसर में स्थित एक चौकी में आग लगा दी।
Ghaziabad court
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उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिला न्यायालय परिसर में मंगलवार को पुलिस और वकीलों के बीच झड़प हो गई, जब एक न्यायाधीश और वकील के बीच बहस ने उग्र रूप ले लिया और न्यायाधीश ने कथित तौर पर वकीलों के साथ दुर्व्यवहार किया।

पुलिस और वकीलों के बीच झड़प के वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आए हैं, जिसमें पुलिस वकीलों को कोर्ट परिसर से बाहर निकालने के लिए बल प्रयोग और लाठीचार्ज करती दिख रही है। फुटेज में हाथापाई के दौरान कोर्ट रूम में कुर्सियां ​​फेंके जाने की भी तस्वीरें हैं।

बार एंड बेंच ने एक स्थानीय वकील से बात की, जिन्होंने बताया कि गुस्साए वकीलों ने जवाबी कार्रवाई करते हुए अदालत परिसर में स्थित पुलिस चौकी में आग लगा दी।

Burnt police chowki inside court premises
Burnt police chowki inside court premises

गाजियाबाद बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष एडवोकेट नाहर सिंह यादव ने इस मुद्दे की ओर उनका ध्यान आकर्षित करने के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को शिकायत भेजी।

पत्र के अनुसार, झड़प की शुरुआत एक जज के अपना आपा खोने और अदालत में वकीलों के साथ गाली-गलौज करने से हुई।

यह घटना एक अग्रिम जमानत याचिका की सुनवाई के दौरान हुई, जब कुछ वकीलों ने जिला जज से अनुरोध किया कि वे जमानत याचिका पर सुनवाई करें या उसे स्थानांतरित कर दें।

Ghaziabad court premises
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स्थिति तेजी से बिगड़ी, जिसके कारण पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा और लाठीचार्ज करना पड़ा, जिसमें अभिषेक यादव सहित कई वकील घायल हो गए।

पत्र में कहा गया है कि घटना सीसीटीवी फुटेज में कैद हो गई है।

पूर्व बार अध्यक्ष ने कहा, "जिला न्यायाधीश ने वकीलों को धमकाया, जिससे न्यायपालिका की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा है।"

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए पूर्व बार अध्यक्ष ने अनुरोध किया है कि सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित रखी जाए और निष्पक्ष जांच के लिए प्रशासनिक न्यायाधीश और उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार को भेजी जाए।

तब तक, जिला न्यायाधीश को न्यायिक कर्तव्यों से निलंबित कर दिया जाना चाहिए या जांच में निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए स्थानांतरित कर दिया जाना चाहिए, यह आग्रह किया गया।

गाजियाबाद पुलिस ने पूर्व बार अध्यक्ष यादव सहित लगभग 50 अज्ञात वकीलों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता और सार्वजनिक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम, 1984 की विभिन्न धाराओं के तहत दो प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज की हैं।

पहली प्राथमिकी जिला न्यायाधीश की अदालत के केंद्रीय नाजिर संजीव गुप्ता की शिकायत के आधार पर दर्ज की गई थी। रिपोर्ट में पूर्व बार अध्यक्ष यादव के साथ अभिषेक यादव, दिनेश यादव और 40-50 अज्ञात व्यक्तियों के नाम शामिल हैं। इन आरोपों में कोर्ट की खिड़कियों के शीशे तोड़ना, प्रवेश द्वार पर डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर (डीएफएमडी) को नुकसान पहुंचाना, कुर्सियां ​​और मेजें फेंकना और पुलिस चौकी के अंदर सीसीटीवी सर्वर रूम में तोड़फोड़ करना शामिल है।

थाना प्रभारी संजय सिंह द्वारा दर्ज की गई दूसरी एफआईआर में 50 अज्ञात वकीलों पर पुलिस चौकी पर पत्थर फेंकने और आग लगाने का आरोप लगाया गया है।

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Chaos reigns in Ghaziabad court as lawyers clash with cops, torch police chowki

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